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इन 5 राज्यों के 7287 गांवों में मिलेगा 4G नेटवर्क, पीएम मोदी ने दिया 6466 करोड़ का पैकेज

4G network in Villages : अब देश के हर गांव में 4जी नेटवर्क मिलेगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए 6466 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के लिए यह पैकेज जारी किया गया है। इससे उन गांवों में 4जी सेवाएं शुरू की जाएंगी, जहां अभी भी यह दूरसंचार सेवा उपलब्ध नहीं है। इस अभियान के तहत 5 राज्यों के 44 जिलों के 7287 गांवोंको कवर किया जाना है। योजना के मुताबिक, अगले 18-24 महीनों में 4G network सेवा इन गांवों में उपलब्ध हो जाएगी। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गाय था।

4G network in Villages: इन पांच राज्यों के लोगों को होगा फायदा

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पैकेज के तहत जिन पांच राज्यों के ग्रामीणों को फायदा होगा, वे हैं – आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंडक, महाराष्ट्र और ओडिशा। इन राज्यों के 44 आकांक्षी जिलों के 7,287 गांव, जो मोबाइल सेवा के दायरे में नहीं हैं, उन गांवों में 4 जी मोबाइल सेवाएं देने की परिकल्पना की गई है, जिसकी अनुमानित लागत 6,466 करोड़ रुपये है। इस धनराशि में पांच वर्षों का परिचालन व्यय भी शामिल है। इस परियोजना का वित्तपोषण सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यूएसओएफ) से किया जायेगा। इस परियोजना को समझौते पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद 18 महीने के भीतर, यानी नवंबर 23 तक पूरा कर लिया जाना है।

जिन गांवों में ये सेवायें मौजूद नहीं हैं, उन चिह्नित गांवों में 4जी मोबाइल सेवा के प्रावधान से सम्बंधित कार्य को खुली प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के जरिये आवंटित किया जायेगा। यह प्रक्रिया यूएसओएफ की मौजूदा प्रणाली के तहत पूरी की जायेगी।

पांच राज्यों आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के आकांक्षी जिलों के जो दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्र मोबाइल सेवा के दायरे में नहीं हैं, वहां मोबाइल सेवाओं का प्रावधान करने का मौजूदा प्रस्ताव डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ायेगा, जिससे आत्म-निर्भरता, सीखने की सुविधा, सूचना और ज्ञान का प्रसार, कौशल का उन्नयन और विकास, आपदा प्रबंधन, ई-प्रशासन संबंधी पहलें, उद्यमों और ई-वाणिज्य सुविधाओं की स्थापना, ज्ञान तथा रोजगार अवसरों के लिए शैक्षिक संस्थाओं को पर्याप्त सहायता का प्रावधान, स्वदेशी निर्माण और आत्मनिर्भर भारत आदि को प्रोत्साहित करने के सम्बंध में डिजिटल इंडिया का विजन पूरा होगा।