हरदा – जिला आयोग हरदा द्वारा दिये गये आदेश में कहा है कि किसानों की फसल बीमा प्रीमियम राशि काटकर बीमा कंपनी को भेज देने से बीमा नहीं होता, बैंकों की जिम्मेदारी है कि किसानों से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी/दस्तावेज भी पोर्टल पर समयसीमा में दर्ज करें, अन्यथा बैंकों को किसानों की बीमा राशि का भुगतान करना पड़ेगा। आयोग द्वारा दिये गये आदेश के बाद बैंक आॅफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, विजया बैंक, सेन्ट्रल म.प्र. ग्रामीण बैंक द्वारा कुल 11 किसानों को फसल बीमा राशि दी जायेगी। यह आदेश आयोग के मान0 अध्यक्ष/न्यायाधीश श्री जे.पी. सिंह व मान0 सदस्य श्रीमती अंजली जैन द्वारा दिया गया है।
एडवोकेट दिनेश यादव ने बताया कि आयोग ने हरदा जिले के 11 किसानों को फसल बीमा राशि देने के आदेश देकर राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के आदेश का उल्लेख करते हुए कहा है कि ‘‘मार्गदर्शी सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कम्पनी को बीमा आच्छादित करने के लिए बीमा प्रीमियम संबंधित बैंक से या बीमा माध्यम से प्राप्त करना चाहिए और किसी प्रकार की कोई लापरवाही या त्रुटि के कारण कृषक को हुए नुकसान के लिए बैंक भुगतान करने हेतु उत्तरदायी होगा। अतः उक्त न्यायदृष्टांत का अवलम्ब लेते हुए विरोधी पक्षकार क्रमांक-2 बीमा कम्पनी को बीमा क्षतिपूर्ति देने का उत्तरदायी नहीं पाया जाता है और कृषक को सोयाबीन फसल में हुई क्षति के लिए विरोधी पक्षकार क्रमांक-1 बैंक को उत्तरदायी उक्त न्यायदृष्टांत के आधार पर पाया जाता है।‘‘
इस आदेश से जटपुरामाल के किसान रामाधार करोडे को 10651/रू, छीपाबड़ के गंगाविशन राजपूत को 41550/रू, महेन्द्रसिंह राजपूत को 11877/रू, ग्राम कमताड़ा के जगन्नाथ को 70402/रू, खिरकिया के संदीप साण्ड को 50423/रू, हरदाखुर्द के राजेश जाट को 61894/रू, लक्ष्मीबाई जाट को 34000/रू, ग्राम जुगरिया के भागवतसिंह को 14597/रू, प्रतापपुरा के सुनील राजपूत को 114674/रू, ग्राम बारंगा के अलखनारायण बांके को 70445/रू, कडोलाराधौ के चेतन्यसिंह को 74144/रू मिलेंगे, इसमें वाद व्यय व मानसिक संत्रास की राशि भी सम्मिलित है, तथा 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी मिलेगा।