ब्रेकिंग
हरदा: वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय धर्मेंद्र चौबे को भास्कर परिवार और स्थानीय पत्रकारों के द्वारा नगर पाल... कृषि अधिकारियों ने किया खाद बीज की दुकानों का निरीक्षण  Ladli bahna yojna: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाडली बहनों के खाते में राशि अंतरित की मध्यप्रदेश के एक मंत्री के ड्राईवर की दबंगई ससुराल मे की पत्नि की पिटाई ,हुआ मामला दर्ज !  पूर्व सरपंच के भ्रष्टाचार में साथ न देने वाले वर्तमान आदिवासी सरपंच के हटाने की तैयारी में जुटा प्रश... आपसी रंजिश के चलते बेटी का फोटो एडिट कर उसके पिता को भेजा: पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार हरदा: शराब के लिए बदमाश ने रास्ता रोककर की मारपीट, चाकू से किया हमला, घायल युवक का भोपाल में चल रहा ... हिन्दू लड़कियो को लव जिहाद में फँसाकर देह व्यापार कराने के लिए लाखो की फंडिंग, कांग्रेस पार्षद पर लगे... ई सुविधा केंद्र से न्यायालय संबंधित सभी जानकारीया प्राप्त होगी: न्यायाधीश  लखनऊ में विमान की लैंडिंग के दौरान पहिए से निकला धुना और चिंगारी! सऊदी अरब से आए विमान 250 हज यात्री...

किसान पंचायत में किसान बोले हमें नहीं मालूम हमारी फसल का रेट क्या? मंत्री ने उनके हक के साथ बताएं उनके अधिकार

प्रदेश भर में किसानों की फसल की तुलाई बड़े इलेक्ट्रॉनिक तोल कांटे से हीं की जाएगी। गड़बड़ी पाई गई संबंधित को किया जाएगा सस्पेंड : कमल पटेल के निर्देश

मकड़ाई समाचार भोपाल/देवास/हरदा। किसानों को खेती किसानी करते हुए इस बात का एहसास ही नहीं होता है कि उनकी फसल की खरीदी का उचित मूल्य क्या है और उन्हें व्यापारी क्या दाम दे रहा है।मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल जो स्वयं एक किसान है, उन्हें मालूम है कि किसान को उसकी फसल का कितना दाम मिलना चाहिए। किसानों को उनकी फसल का उचित दाम ना मिलने का उदाहरण स्वयं किसान पंचायत में किसानों ने दिया। नेमावर में भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के आयोजित सम्मेलन( किसान पंचायत) में उन्होंने किसानों से इस बाबत कुछ सवाल किए।

- Install Android App -

जिसका उत्तर वहा मौजूद किसान भाई नहीं दे पाए इसके बाद किसान नेता एवं कृषि मंत्री कमल पटेल ने उनको बताया कि फसल का वाजिब दाम क्या है और क्यों सरकार उनकी फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रही है।उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में शिवराज सरकार किसान हितेषी सरकार है और मैं मध्य प्रदेश के केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मध्यप्रदेश के साथ मैं आपका भाई किसान होकर किसान मंत्री हूं। उन्होंने किसानों से पूछा कि आपकी ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल प्रति क्विंटल किस दाम पर बेच रहे थे।

इस पर किसानों ने जवाब दिया कि तीन से चार हजार प्रति क्विंटल व्यापारी को बेच रहे थे। तभी मंत्री ने तपाक से प्रश्न पूछा कि सरकार ने जब घोषणा की कि आप की फसल सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदेगी तब आप से व्यापारियों ने क्या रेट पर मूंग खरीदी का ऑफर दिया तो किसानों ने बोला कि 5 हजार से 5 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से। कृषि मंत्री ने पूछा कि आज की स्थिति में सरकार का समर्थन मूल्य खरीदी ₹7275 है तो आप बताइए आपको प्रति क्विंटल पर ₹3000 प्रति क्विंटल का लाभ हो रहा है। छोटे किसान जैसे कि जिनके पास 1 एकड़ है उनको 18000, जिनके पास 2 एकड़ है उनको 36000 का ज्यादा फायदा हो रहा है।

उन्होंने किसानों को बताया कि किसानों की फसल का 25 क्विंटल खरीदी का आदेश कांग्रेस की मनमोहन सरकार के समय का है लेकिन जब हमारी सरकार बनी। शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने और मैं कृषि मंत्री तब इस खरीदी लिमिट को बढ़ाकर 40 क्विंटल किया गया है। अभी ग्रीष्मकालीन मूंग 25 क्विंटल के हिसाब से खरीदी जा रही है लेकिन दो-तीन दिन में इसके आदेश 40 क्विंटल खरीदने के हो जाएंगे। इसके लिए मंत्री पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का किसानों की ओर से आभार माना और उन्होंने किसानों को बताया कि प्रदेश मे सभी वेयरहाउसो में बड़े इलेक्ट्रॉनिक तोलकांटे से तुलाई के आदेश दिए है और अगर किसी भी वेयरहाउस पर फसल खरीदी की तुलाई की इस कांटे से नहीं की गई तो संबंधित को सस्पेंड कर दिया जाएगा।