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कृषि मंत्री के गृह जिले में खेत है प्यासे, नही पहुंचा नहरों में पानी – डॉ. दोगने

लो वोल्टेज किसानो की परेशानी का कारण, इलेक्ट्रानिक कांटो की बजाय प्लेट कांटो से होना चाहिए तुलाई

मकड़ाई समाचार हरदा। जिला में खेती से होने वाले उत्पादन के मद्दे नजर प्रदेश में नंबर वन है। यहां के मेहनती किसान अच्छी जमीन के कारण गेंहू चना मूंग और सोयाबीन की फसल उत्पादन में जिले का नाम प्रदेश में ही नही पूरे भारत में जाना जाता है।लोग इसे मिनी पंजाब के नाम से जानते है। किसान आधुनिक और परंपरागत दोनो तरीके से खेती करता है। किसान की अपनी मेहनत उसके फसल उत्पादन में नजर आती है। वर्षो से किसानों के साथ छल होता आ रहा है। प्रदेश सरकार की नीतियों ने किसानों को आकंठ कर्ज में लाद दिया है।

खेत है प्यासे नहरो में नही मिला पानी
सरकार के वादे और भरोसे पर किसानों ने अपने खेतों में फसल लगाई। प्रदेश  के कृषिमंत्री कमल पटेल ने किसानों को पर्याप्त बिजली और सिंचाई के लिए नहरों मे पानी दिए जाने की बात कही थी।किसानांे को नहरों में समय पर पानी मिल जायेगा ऐसा स्टेटमंेंट मीडिया में दिया जाता रहा है। किसानों को झूठा आश्वासन दिया गया।  मसनगंाव और आस पास के क्षेत्रों मंे नहर का पानी नही पहंुचने से किसानों का नुकसान हुआ हैं मंत्री जी इसकी भरपाई कौन करेगा। आपने विश्वास दिलाया था नहरो में समय पर पर्याप्त पानी मिलेगा। आज किसानों को समय पर नहरों से पानी नही मिल पाया।किसानों के खेत आज भी सूखे है। साधन संपन्न किसान अपने अन्य स्त्रोतो से खेतों में पानी पहुंचा लेगा मगर गरीब किसान की तो कमर टूट जायेगी। पूछता है किसान कब दोगे नहरों में पानी

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लो वोल्टेज बड़ी समस्या
माननीय कृषिमंत्री जी किसान को 12-16  घंटे बिजली देने का वादा आपने किया था आज किसान को 4-5 घंटे लो वोल्टेज की बिजली बमुश्किल मिल पा रही है। मामा शिवराज घोषणावीर बने हुए है कृषिमंत्री कमल पटेल भी किसानों का भरोसा दिलाते रहे और किसानांे को नहरों में पानी नही मिल पाया जिले के अधिकतर किसानो के खेत सूखे ही रह गए। किसानों ने अन्य जल स्त्रोत से पानी देने की व्यवस्था की तो लो वोल्टेज ने और समस्या बढ़ा दी है। कृषि मंत्री कमल पटेल के खुद के जिले के यह हाल है तो पूरे प्रदेश में क्या स्थिति होगी! डीजल पेट्रोल ओैर गैस का भाव आसमान छू रहा है मंत्री जी गरीब और मध्यम वर्ग के किसानों को क्या राहत देगें। किसान अपनी आंखो के सामने बिना पानी गर्मी से झुलसती फसल देखता होगा उसके दिल पर क्या गुजरती होगी। माननीय कृषिमंत्री खुद को किसान पुत्र कहने वाले किसानो के दुख से क्यूं अंजान है।

फसल तुलाई में इलेक्ट्रानिक कांटे का उपयोग
आज अन्नदाता बहुत परेशान है वेयरहाउस पर भूखा प्यासा घंटो तक अपनी फसल बेचने के लिए अपनी बारी का इंतजार के लिए लाईन में लगा रहता हैै। विगत अप्रेल माह में किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बहुत परेशान होना पड़ा आज की स्थिति देखेे तो किसान को अपनी फसल बेचने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है। किसान की फसल की तुलाई में ईमानदारी नही है। इलेक्ट्रानिक कांटेंसे छोटे छोटे बारदानों मे तुलाई की गई। जिससे समय ज्यादा लगता है लाईन में खडे़ किसान परेशान होते है। तुलाई के समय 500 से 1000 ग्राम तक किसान का नुकसान होता है। मजदूरो की कमी से किसानो के  अनाज की तुलाई में अधिक समय लगता है। प्रदेश के अन्य जिलो में प्लेट कांटे से तुलाई हो रही है हरदा जिले में इलेक्ट्रानिक कंाटो से तुलाई की जा रही है। बड़े प्लेट कांटे से तुलाई होने पर एक बार में एक किसान की पूरी ट्राली की तुलाई हो जायेगी।

घर से दूर के वेयरहाउस में स्लाट की बुकिंग
किसानों द्वारा अपनी फसल को बेचने के लिए वेयरहाउस में स्लाट बुक कराना पड़ता है। इसमे भी कई प्रकार की विसंगतियां है किसानों को उनक गृहग्राम सेे दूर का वेयर हाउस में स्लाट बुक कर देतेे है। इससे किसानो का बहुत परेशान होना पड़ रहा है। घर के पास के वेयर हाउस मिले तो फसल बेचना आसान हो जाता है। आने जाने और तुलवाई में समय पैसा कम लगता है। किसानों के कर्ज माफ करने के बजाए और ज्यादा कर्ज में डूब रहा है। बढ़ती महंगाई पेट्रोल डीजल के भाव आसमान छू रहे है। खेती को लाभ का ध्ंधा बनाने वाली सरकार ने किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया। किसानो ने विगत सप्ताह किसानों ने समस्याओ को लेकर धरना दिया। मंत्री पटेल के गृहजिले में ही किसान परेशान है पूरे प्रदेश के किसानों की क्या स्थिति होगी।