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क्षेत्र एवम प्रदेश के विकास के मामले में नीचे से दूसरे पायदान पर रहे कृषि मंत्री :- डॉ. दोगने

मकड़ाई समाचार हरदा। गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का अंतिम दिन था तथा शुक्रवार से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो रहा है। बीते वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के दौरान राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के आय-व्यय  ब्योरा जुटाया गया जिसमें यह पता चला कि हरदा के विधायक व प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल जी द्वारा क्षेत्र एवं प्रदेश की जनता के विकास हेतु खर्च की जाने वाली राशि का केवल 18% ही खर्च किया एवं बाकी की राशि लिप्स हो गई। कृषि मंत्री कमल पटेल अपने आप को विकास पुरुष कहते हैं परंतु शासन की ओर से क्षेत्र एवं प्रदेश की जनता के विकास कार्य हेतु खर्च की जाने वाली राशि जो कि जनप्रतिनिधि होने के नाते आपको दी जाती है आप उस राशि का उपयोग भी उचित प्रकार से जनता के लिए नहीं कर पाए और आधी से भी ज्यादा राशि लैप्स हो गई। जिसका नुकसान स्वयं क्षेत्र एवं प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा। कृषि विभाग का बजट 16307 करोड़, खर्च की गई राशि 3092 करोड़, लेप्स हुई राशि 13215 करोड़। ऐसे मंत्री जो की जनता के विकास कार्य की राशि का सही उपयोग नही कर पाए उन्हे पद पर रहने का कोई हक नही। कमल पटेल जी को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। ज्ञात हो की बजट लैप्स होने का असर वित्तीय वर्ष में संचालित होने वाली योजनाओं पर पड़ता है। आगामी वर्ष में जो जन कल्याणकारी योजना शुरू होना है वह भी प्रभावित होती है इसलिए सरकार जब गुड गवर्नेंस की ओर आगे बढ़ रही है इस स्थिति में बजट की बड़ी राशि लैप्स हो ना ठीक नहीं है बजट आवंटन में जो खर्चा होना है उन्हें तय समय सीमा में पूरा किया जाना अति आवश्यक है।