ब्रजभूषण दसोदी मकड़ाई समाचार खरगोन। मां रेवा न्यास खरगोन में आयोजित अखिल भारतीय नार्मदीय ब्राह्मण महासभा का दो दिवसीय आयोजन शताब्दी समारोह एवं अधिवेशन अपनी पूर्ण गरिमा, भव्यता और उपलब्धि के साथ संपन्न हुआ। देशभर के करीब 10 हजार समाज बंधुओं ने पधार कर आयोजन को सफल बनाया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक नार्मदीय ब्राह्मण समाज की खरगोन इकाई के अध्यक्ष सुनील शर्मा थे जबकि सहयोगी इकाइयों में कसरावद, महेश्वर, मंडलेश्वर, धामनोद, बड़वाह, सनावद, बमनाला, सेंधवा और बड़वानी शामिल थे।
26 और 27 मार्च 2022 को हुए इस दो दिवसीय आयोजन में महासभा अध्यक्ष श्री अनिल शर्मा, महिला संगठन की अध्यक्षा श्रीमती सरिता पारे, युवा संगठन के अध्यक्ष श्री शिवम पगारे सहित तीनों संगठनों के कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे। शताब्दी समारोह की शुरुआत 26 मार्च को प्रातः 8 बजे गुरुगादियों के गुरुजनों की शोभायात्रा से हुई। ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर से कार्यक्रम स्थल तक ढोल-ताशों के साथ निकली शोभायात्रा में आतिशबाजी तथा माता-बहनों द्वारा किया गया नृत्य आकर्षण रहा। महासभा के ध्वजारोहण के बाद वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. पूर्णाशंकर भालके की प्रतिमा पर माल्यार्पण हुआ।
मंचीय कार्यक्रम की शुरुआत मां नर्मदा की पूजा-आराधना और गुरुजनों के पादपूजन से गई। महासभा अध्यक्ष अनिल शर्मा, श्रीमती सरिता पारे, शिवम पगारे, संयोजक सुनील शर्मा ने गुरुजनों का पूजन कर उन्हें वस्त्र भेंट किए। इसके बाद सचिव विकास बारचे, उपाध्यक्ष आनंद मलतारे, राकेश शर्मा, नीरज जोशी, डॉ. मधुसूदन बारचे, गिरीश उपाध्याय, महेश जोशी, अतुल अत्रे ने सपत्नीक गुरुजनों का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामान्य वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त श्री शिव चौबे थे। महासभा के संरक्षक श्री बीके निलोसे, सुभाष महोदय, राजेश डोंगरे विशेष रूप से उपस्थित थे। प्रारंभ में नर्मदाष्टक की नृत्यमय प्रस्तुति तथा रुद्र बर्वे की नृत्यमय गणेश वंदना ने सबको प्रभावित किया। अतिथियों का स्वागत सर्वश्री सुनील शर्मा, बालकृष्ण डोंगरे, अजय जोशी, नवीन जोशी, अनूप शुक्ला, विनायकराव कानूनगो, कल्याण गीते, राकेश गीते, सुधीर चौरे व त्रिलोक बड़ोले ने किया। मुख्य वक्ता डॉ. सुभाष अत्रे ने प्रथम महासभाध्यक्ष पंडित जानकीवल्लभ शास्त्री से लेकर वर्तमान अध्यक्ष तक समाज के सौ वर्षों की जानकारी प्रस्तुत की। मुख्य अतिथि शिव चौबे ने ब्राह्मण समाज से संगठित होने का आह्वान किया। समाज की महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ इतिहास समेटे स्मारिका नर्मदांश का संपादक नीरज जोशी की उपस्थिति में अतिथियों ने विमोचन किया।
कार्यक्रम के दूसरे भाग में पूर्व महासभा अध्यक्ष परिवारों, समाज के विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त व्यक्तित्वों एवं कार्यक्रम के सहयोगी दानदाताओं का सम्मान किया गया। शाम 5 बजे बजे महिला संगठन एवं युवा संगठन का अधिवेशन मां रेवा न्यास परिसर में अलग-अलग स्थानों पर किया गया। युवा अधिवेशन में मुख्य अतिथि इंदौर के युवा नेता गोलू शुक्ला तथा मुख्य वक्ता श्री पुष्यमित्र भार्गव थे। बालीपुर धाम के श्री रवींद्र शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे। महिला संगठन के अधिवेशन में भी मंच पर महिला संगठन की अध्यक्ष व संरक्षक उपस्थित थे। दोनों संगठनों द्वारा समाज हित में बहुत अच्छे निर्णय लिए गए।
रात्रि 9 बजे से श्रीमती पूर्णिमा बारचे, सुश्री अंतरा बारचे, श्रीमती श्वेता मलतारे तथा श्रीमती मुक्ता बर्वे के संयोजन में यादगार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत हुए। इसमें विभिन्न लोक कलाओं, क्षेत्रीय कलाओं, भजनों पर नृत्यमय प्रस्तुतियां मनमोहक रहीं। समाज को सन्देश देती कई प्रस्तुतियों ने सबका ध्यान आकर्षित किया। रात्रि 2 बजे तक चले आयोजन के अंत में महासभा के पदाधिकारियों व युवाओं की सामूहिक नृत्य प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र रही।
दूसरे दिन 27 मार्च की शुरुआत प्रातः 6:30 बालीपुर भक्त मंडल द्वारा संध्या पूजन का आयोजन कर की गई जिसका कई समाजबंधुओं ने लाभ लिया। अधिवेशन का प्रथम सत्र 11 बजजे आरम्भ हुआ जिसमें क्षेत्रीय सांसद, वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री उपस्थित थे। सभी अतिथियों ने तन, मन, धन से नार्मदीय ब्राह्मण समाज का सहयोग करने का वचन दिया। आयोजन में विशेष रूप से मांधाता राजा के वंशज राव पुष्पेंद्र सिंह उपस्थित थे। महासभा अधिवेशन के द्वितीय सत्र में बहुत से प्रस्ताव पर विचार कर पांच नई इकाइयां बनाने का निर्णय लिया गया। इनमें से करही, बेड़िया, धरमपुरी तथा सिवनी-मालवा की घोषणा की गई जबकि एक अन्य इकाई की घोषणा बाद में होगी। अधिवेशन का संचालन महामंत्री श्री महेंद्र शुक्ला ने किया। आभार संयोजक सुनील शर्मा ने माना।