मकड़ाई एक्सप्रेस भोपाल| नगर निगम, बीडीए और हाउसिंग बोर्ड की आवासीय परियोजनाओं में माफिया तंत्र सक्रिय है। जिसकी वजह से पात्र हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं, कुछ लोग आवासहीन बनकर अधिकारियों से मिलीभगत कर रियायती दरों पर मकान खरीदने के बाद इनमें रहने के बजाय मोटी कीमत पर दूसरे को बेच रहे हैं। जबकि नियमानुसार रियायती दरों के आवासों को हितग्राही 15 वर्ष तक बेच नहीं सकता। ऐसा ही मामला कोकता में चल रहा है, जहां कुछ व्यक्तियों ने आवासहीन बनकर एक लाख 94 हजार रुपये में मकान खरीद तो लिया, लेकिन अब इन्हें पांच से सात लाख रुपये में बेचने के लिए इंटरनेट मीडिया पर खुलेआम विज्ञापन दे रहे हैं। वहीं, यहां के रहवासियों का कहना है कि ऐसे हालात इसलिए बन रहे हैं, क्योंकि नगर निगम के अधिकारियों ने मोटा कमीशन लेकर अपात्रों के हाथों में प्रधानमंत्री आवासों की चाबियां सौप दी हैं।
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