टिमरनी : सिद्धी विनायक ट्रेड सेंटर के नाम से अवैध काॅलोनी का निर्माण किया फिर फर्जी दस्तावेज बताकर व्यवसायिक भूखंड मय निर्मित दुकान के बेच दी। अलका गद्रे को नोटिस जारी !
टिमरनी : रियल स्टेट अपीलेंट ट्रिब्यूनल ने अलका गद्रे को नोटिस जारी कर किया तलब, सिद्ध विनायक ट्रेड सेंटर के नाम से टिमरनी शहर के बीचों बीच काट दी अवैध काॅलोनी टिमरनी में शहर के बीचों बीच सिद्धीविनायक ट्रेड सेंटर के नाम से एक अवैध काॅलोनी का निर्माण करने वाली अलका गद्रे ने रियल स्टेट अपीलेंट ट्रिब्यूनल ने नोटिस जारी कर तलब किया हैं।
अधिवक्ता अनिल जाट ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित पक्षकार प्रवीण कुशवाह निवासी टिमरनी ने भू संपदा विनियामक प्राधिकरण के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया था। जिसमें मा. प्राधिकरण को बताया था। कि सिद्धी विनायक ट्रेड सेंटर के नाम से अलका गद्रे ने सुरेंद्र धनगर और राहुल खोरे के साथ मिलकर अवैध काॅलोनी का निर्माण किया हैं। जिसमें तीनों ने मिलकर पीड़ित को फर्जी दस्तावेज बताकर व्यवसायिक भूखंड मय निर्मित दुकान के बेच दिया। दस्तावेज मांगने पर पता चला कि पूरी काॅलोनी की कहीं से भी कोई अनुमति नहीं ली गई है और अवैध रुप से काॅलोनी का निर्माण कार्य किया गया हैं। अधिवक्ता अनिल जाट ने बताया कि माननीय प्राधिकरण के समक्ष गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर दिये हैं। श्रीमति अलका गद्रे के द्वारा श्रीधर सिद्धी विनायक ट्रेड सेंटर के नाम से अवैध काॅलोनी का निर्माण करते हुए उस पर भूखंडों का विक्रय भी किया जा रहा हैं। परंतु श्रीमति अलका गद्रे के द्वारा रेरा के समक्ष गद्रे मार्केट का 1992 का दस्तावेज प्रस्तुत किया था। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी गई तो नगर परिषद टिमरनी के द्वारा यह बताया गया था कि श्रीधर सिद्धी विनायक काॅलोनी अवैध काॅलोनी है और नगर परिषद टिमरनी के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी टिमरनी को इस अवैध काॅलोनी के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए पत्र भी लिखा हैं।
अधिवक्ता अनिल जाट ने यह बताया कि नगर परिषद टिमरनी एवं राजस्व विभाग के द्वारा अलका गद्रे के प्रभाव में आकर और उनकी राजनैतिक पहुंच के कारण शहर के बीचोंबीच बन रही अवैध काॅलोनी की जानकारी नगर परिषद से लगाकर राजस्व विभाग तक के सभी अधिकारियों को हैं।
अधिवक्ता अनिल जाट ने बताया कि प्रवीण कुशवाह के द्वारा नगर पालिका से लगाकर राजस्व के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में शिकायत की थी परंतु उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिस कारण उनके पक्षकार प्रवीण कुशवाह के द्वारा रेरा भोपाल के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया हैं। अधिवक्ता अनिल जाट ने बताया कि ट्रिब्यूनल द्वारा मामले को गंभीरता से लिया गया और अलका गद्रे को नोटिस जारी कर अपना जबाव 3 जनवरी तक उपस्थित होकर प्रस्तुत करने को कहा हैं।