तन्मय को बचाना है: बैतूल में 66 घंटे से जिंदगी बचाने की जंग जारी, 3 फीट की दूरी बाकी, सुरंग से कभी भी बाहर आ सकता है मासूम, हरदा का प्रशासनिक अमला भी जुटा हुआ है
मकड़ाई समाचार भोपाल/बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मांडवी गांव में 400 फीट गहरे खुले बोरवेल में गिरे 8 साल के तन्मय साहू को बचाने की जद्दोजहद जारी है। 6 दिसंबर यानी पिछले 66 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। पानी और चट्टान की वजह से मशीन की खुदाई में दिक्कत आ रही है। इसलिए मैन्युअली यानी हाथ से सुरंग बनाया जा रहा। अब रेस्क्यू टीम सिर्फ तन्मय से 3 फीट की दूरी पर है। 10 फीट होरिजेंटल टनल खोदी जानी है, जिसमें से 7 फीट सुरंग खोदी जा चुकी है।
दरअसल 55 फीट की गहराई में तन्मय फंसा है। जिसे बचाने के लिए जिला प्रशासन की टीम मंगलवार शाम से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। 7 फीट सुरंग के बाद अब मैन्युअली सुरंग खोदी जा रही है। मिट्टी धसने के डर के कारण मैन्युअली सुरंग बनाने का फैसला लिया गया है। मैन्युअली सुरंग खुदाई के कारण अभी और रेस्क्यू में समय लगेगा। जिला प्रशासन लगातार सरकार और तन्मय के माता-पिता के संपर्क में है।
बैतूल में ऑपरेशन तन्मय को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मशीन से काम करने में थोड़ी परेशानी आ रही है। मशीन से काम करने में वाइब्रेशन होता है, जो कि बच्चा झेल नहीं पाएगा। यह भी डर सता रहा है कि मशीन से अगर काम किया तो वाइब्रेशन से तन्मय और नीचे ना खिसक जाए। इसलिए अब हाथ से खुदाई कर टनल को बनाया जा रहा है।
तन्मय तीसरी क्लास का छात्र है। आज उसके स्कूल सहित क्लास के बच्चों ने अपने सहपाठी की सलामती के लिए गायत्री मंत्र का जाप किया। शिक्षकों समेत बच्चों ने ईश्वर से कामना की है कि तन्मय सकुशल सलामत बाहर निकल जाए। तन्मय को पढ़ाने वाली शिक्षिका का कहना है कि तन्मय पढ़ने में काफी तेज है। उसकी सलामती ही हम सबकी जीत होगी।
CM शिवराज खुद बैतूल में तन्मय साहू को बचाने के ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सीएमओ सहित स्थानीय प्रशासन को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। रेस्क्यू टीम बच्चे को सुरक्षित बचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। SDERF और NDRF की टीम मौके पर मौजूद हैं। तन्मय को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है।
बता दें कि तन्मय साहू को बचाने के लिए 45 फीट तक खुदाई करने के बाद अब 10 फीट की होरिजेंटल टनल बनाकर उस तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। हार्डरॉक्स के चलते इस पूरी मुहिम में काफी समस्याओं का सामना टीम को करना पड़ रहा है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम विशेषज्ञों के साथ ऑपरेशन को अंजाम दे रही है।
वहीं मौके पर बैतूल, नर्मदापुरम, भोपाल और हरदा का प्रशासनिक अमला भी जुटा हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अभी ऑपरेशन में और वक्त लग सकता है। चिंता की बात यह है कि लंबे समय से तन्मय ने कोई रिस्पांस नहीं दिया है। हालांकि स्थिति के मद्देनजर एंबुलेंस, मेडिकल टीम लाइफ सेफ्टी इक्विपमेंट्स के साथ पूरी तरह तैयार है।