हरदा के एक विवाहित युवक ने अपनी पत्नी व एक अन्य व्यक्ति के विरुद्ध हरदा पुलिस अधीक्षक को शिकायती आवेदन देकर षड्यंत्रपूर्वक विवाह कर, राशि जेवर हड़पने, ऑनलाइन रुपए उड़ाने आदि की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है ।
शुभम नामक युवक जो सिद्धि विनायक कॉलोनी निवासी है। ऑटो वर्क्स का काम करता है। उसे कुछ माह पूर्व शिखा सोनेर जो रेलवे में कार्यरत है तथा जिसके पिता व माता की मृत्यु हो चुकी है। शुभम के संपर्क में आते हैं । हरदा के ही गिरिजा शंकर राजपूत जो कॉलोनाइजर हैं, इस युवती का कन्यादान करके शुभम से विवाह सम्प्पन्न कराते है। । युवती का भाई आवेदन में अमेरिका में बताया गया।
शिखा व अन्य गौरव सिंह द्वारा शादी के बाद अमानत में खयानत कर जेवर राशि आदि हड़पने की शिकायत शुभम पुत्र शंकर राजपूत ने 28 अप्रैल को आवेदन के माध्यम से की।
आवेदन में शिखा और गौरव को हुजूर भोपाल क्षेत्र का निवासी बताया गया है। पुलिस द्वारा आवेदन की जांच की जा रही है।
क्या लिखा है शिकायत आवेदन में पूरा मामला
मैं आवेदक शुभम सिंह आयु 27 वर्ष हरदा में सिद्धीविनायक कालोनी में निवास करता हूँ तथा मेरा चार पहिया वाहनों का वर्कशॉप है तथा कृषक होकर पेशे से व्यवसायी भी हूँ। दिनांक 18.02.2022 को मेरा विवाह अनावेदक शिखा सोनेर से अनावेदक गौरव सिंह की मध्यस्था से हरदा के हवेली गार्डन होटल से सम्पन्न हुआ था जिसमें अनावेदक शिखा के माता पिता न होने से कन्यादान का कार्यक्रम हरदा के कालोनाईजर गिरजाशंकर राजपूत जी द्वारा किया गया था । अनावेदक शिखा के पिता वर्ष 2019 में हार्टअटेक से शांत हुए तथा माँ 2021 में कोरोना की द्वितीय लहर के समय खण्डवा में शांत हो गई है अनावेदक शिखा का एक भाई हर्षित सोनेर है जो कि अमेरिका में रहकर वहाँ कोई कार्य करता है। चूंकि हर्षित न तो अपने माता पिता की मौत के समय आया और ना ही अनावेदक शिखा की शादी में आया। हम दोनों शादी के बाद काफी खुश थे जिन्दगी प्रारंभ हुई थी शिखा अपनी ड्यूटी पर हरदा रेल्वे कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्य करती थी मैं उसे लेने छोडने जाता था।
इस प्रकार से विवाह के बाद लगभग 50 दिन सब कुछ ठीक रहा इसके बाद दिनांक 07.04.2022 को शिखा कार्यालय का काम का कहकर अपने कर्मचारी को लेकर भोपाल चली गई। उसने शाम तक वापस हरदा आने का कहा था तब मेरे द्वारा उसे शाम को फोन लगाकर पूछा कि ट्रेन में बैठ गई हो क्या तो शिखा ने कहा कि मैं लेटनाईट ट्रेन से आउंगी अभी मैं अपनी बहन रिया के साथ घुमने आ गई हूँ इसके बाद मुझे वाहन के डेकोर के आवश्यकता होने से मैने शिखा के साथी कर्मचारी हेल्पर को फोन लगाकर कहा कि कार डेकोर सामान भोपाल से ला सकते हो क्या तो उसने कहा कि मैं ट्रेन में बैठ गया हूँ तब मैंने पूछा शिखा भी साथ में है क्या तो उसने बताया कि 4-5 बजे के आस पास सर की गाड़ी लेने आ गई थी वह उन्हीं के साथ चली गई है। तब पहली बार लगा कि मेरे साथ कुछ गलत हो रहा है तब दूसरे दिन मैने शिखा से पूछा कि कल तुम किसके साथ थी तो एक दम से चौक गई और रोने धोने लगी और बोली कि तुम मुझ पर शक कर रहे हो, तब मैने बात खतम कर दी और बात को बदल दिया कि मैं यूँही पूछ रहा था तो शिखा मुझ से लड़ने लगी किन्तु मैं बात खत्म करके दुकान पर आ गया और उसके बाद चार दिन सभी बात नार्मल रही किन्तु अचानक से दिनांक 12.04.2022 को दोपहर में दो बजे के लगभग जब मैं भोजन करने घर गया तो शिखा स्वयं की स्वीफ्ट कार एम.पी. 20 सी.जी. 5415 में दो बड़े बैग भरे हुए कार में रख रही थी, मेरे पूछने पर बोली की लॉड्री पर कपडे डालने जा रही हूँ शादी के भारी लहँगे आदि है तब मैं घर से खाना खाकर वापस वर्कशॉप पर आ गया और शाम में वर्कशॉप बंद करके घर गया तो पता चला कि शिखा घर पर नहीं है तब मेरे द्वारा शिखा को फोन लगाया तो उसका फोन बंद बता रहा था, तब मैने उसके परिजन श्री गिरजा राजपूत को फोन लगाया और बताया कि शिखा बिना बताये कहीं चली गई है और मैं उसी दिन भोपाल के लिए रवाना हो गया । तथा शिखा को ढूंढने का प्रयास किया ।
दूसरे दिन दिनांक को पूर्ण भरोसा हो गया कि शिखा ने गौरव सिंह से पूर्ण षडयंत्र रचकर मुझसे विवाह किया और विवाह में मुझसे लगभग 25 लाख रुपये खर्च करवाये और घर पर रखे हुए गहने व नगदी रुपये कुल मूल्य लगभग 25 लाख रूपये चोरी कर लिये है और उक्त सूचना पत्र की भाषा से ऐसा भी लग रहा है कि शिखा एंव गौरव सिंह मेरी हत्या करना चाहते थे परन्तु उन्हें अवसर नहीं मिला जिससे वह मेरी हत्या नहीं कर सके, गौरव सिंह ने बहला फुसलाकर मेरी पत्नि को अपने मातहत कर्मचारियों पर दबाव बनाकर उनकी मदद से तथा पद के प्रभाव से उसे अपने पास रख लिया है।
अतः श्रीमान से निवेदन है कि उक्त समस्त तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में अनावेदक शिखा एवं गौरव सिंह के विरूद्ध आपराधिक षडयंत्र रचने, मेरे घर में चोरी करने व मुझसे झूठा विवाह कर मेरी हत्या करने का षडयंत्र रचने, धोखाधड़ी रचने व अमानत में खयानत करने का अपराध पंजीबद्ध किया जाकर मुझे दोनों अनावेदकगण से मेरे गहने तथा नगद राशि दिलाये जाने की कृपा करें । शिकायतकर्ता ने इस मामले की प्रतिलिपि पुलिस महानिरीक्षक महोदय, नर्मदापुरम संभाग,
पुलिस महानिदेशक , पुलिस मुख्यालय भोपाल ।
पुलिस महानिरीक्षक नर्मदापुरम संभाग
सौरभ बंदोपाध्याय, डी.आर.एम. , भोपाल रेल मण्डल भोपाल। केन्द्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव , नई दिल्ली ।
मुख्यमंत्री महोदय, म.प्र. शासन भोपाल को भेजी है।
(नोट- पत्नी शिखा और गौरव सिंह से सम्बंधित सभी मैटर फोटो शिकायतकर्ता शुभम ने उपलब्ध कराए हैं। )