मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल। सरकार की योजनाएं जनहित में बनाई जाती हैं। इन योजनाओ को सरकार अपने अधिकारी व कर्मचारी के सहयोग पात्र हितग्राहियो को लाभ पहुंचाने का कार्य करती हैं। सरकार की हर योजनाओ के बजट करोड़ांे रुपयों का होता है।मीडिया में सरकारी कई योजनाओ में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आते रहे हैं कहीं छोटे स्तर पर तो कहीं बडे़ स्तर पर घोटाले भ्रष्टाचार हुए हैं। फर्जी राशन कार्ड,मनरेगा,संबल योजना,कुटीर योजना,आवास योजना कई योजनाएं और उनमे हुए भ्रष्टाचार की कहानी भी बहुत है। मध्य प्रदेश में प्रधान मंत्री आयुष्मान योजना की आड़ में पैसे कमाने के लिए राज्य में मरे लोगों का इलाज कागजों पर दिखाया गया और भ्रष्टाचार किया गया. सतना में 1-2 नहीं पूरे 2200 महिलाओं की शिकायत है कि उन्हें ‘लाडली बहना योजना’ का पैसा नहीं मिला.मोबाइल पर खाते में योजना के पैसे जाने का मैसज आया, लेकिन बैंक तक पैसा नहीं पहुंचा
योजनाओ में लगे स्थायी व अस्थायी कर्मचारियों को सरकार द्वारा वेतन व अन्य सुविधाएं भी मिलती है बावजूद इसके इनमें खुला भ्रष्टाचार होता है। अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों के वारे न्यारे होते हैं और आमजन वहीं योजनाओ के लाभ के लिए सरकार कार्यालयों के चक्कर पर चक्कर काट रहा होता है। हम अपने सुधि पाठको से राय लेना चाहते है कि इस भ्रष्टाचार के घोड़े पर लगाम कैसे लगाई जाए और पात्र हितग्राहियो तक योजनाओ की जानकारी व लाभ पहुंच सकें। आप की राय का हमे इंतजार हैं। कमेंट बाक्स में अपनी बात कह सकते हैं ..