हरदा – विगत दिनों पेश हुए मध्य प्रदेश के बजट में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा नहीं होने से प्रदेश के कर्मचारियों में निराशा है। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि राजस्थान सरकार एवं अन्य सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा कर देने के बाद मध्य प्रदेश में भी पुरानी पेंशन लागू कर दी जाएगी, किंतु विगत दिन पेश हुए बजट में मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पुरानी पेंशन पर कोई विचार नहीं करना बताया, जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के लिए जारी बजट में पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा कर दी गई। उक्त जानकारी देते हुए पुरानी पेंशन बहाली संघ मध्य प्रदेश की प्रदेश सचिव एवं म.प्र. राज्य कर्मचारी संघ व अजाक्स महिला प्रकोष्ट की जिलाध्यक्ष श्रीमती सीमा निराला द्वारा अवगत कराया कि बजट से मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को काफी उम्मीद थी, किंतु बजट सत्र में पेंशन संबंधी कोई घोषणा नहीं की गई जिससे प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों में रोष व्याप्त है।
ज्ञात रहे कि मध्य प्रदेश में 1 जनवरी 2005 से मध्यप्रदेश के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बंद करके नई पेंशन योजना लागू कर दी गई है जिसके तहत कर्मचारियों के कुल वेतन का 10 प्रतिशत अंशदान कर्मचारी का तथा 12% अंशदान शासन की ओर से मिलाकर शेयर मार्केट में लगा दिया जाता है जिससे कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट पर निर्भर हो गया है रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का 60% कर्मचारियों को नगद दिया जाता है जिस पर आयकर भी लगता है तथा शेष 40% राशि के ब्याज से कर्मचारियों को पेंशन दी जाती है।
इस नई पेंशन योजना के तहत रिटायर्ड होने पर कर्मचारी को 600 रुपये से लेकर 1200 रुपये प्रति माह तक पेंशन मिलती है जो उनके जीवन यापन के लिए बहुत ही कम है जिससे सेवानिवृत्त के पश्चात वृद्धावस्था में कर्मचारी को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं वही पुरानी पेंशन योजना यदि लागू कर दी जाती है तो कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय मिल रहे अंतिम वेतन का आधा पेंशन के रूप में मिलता है तथा समय-समय पर महंगाई भत्ता भी बढ़ता है जिससे रिटायरमेंट के पश्चात कर्मचारी आसानी से अपना जीवन यापन कर सकते हैं । पुरानी पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए बंद कर दी गई, किंतु सांसदों और विधायकों के लिए अभी भी पुरानी पेंशन योजना लागू है। जबकि आजीवन सरकार की सेवा करने वाले कर्मचारी से यह हक छीन लिया गया है जो कतई उचित नहीं है। मध्यप्रदेश के मा.मुख्यमंत्री जिन्होंने कर्मचारियों व अधिकारियों के हितों का अक्सर ध्यान रखा है । अभी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया है इसके लिए उनका बहुत-बहुत आभार साथ ही यह मांग है कि कर्मचारियों की वर्षो से लंवित पुरानी पेंशन योजना को शीघ्र लागू किया जावे।