बस स्टेंड पर अव्यवस्थाओ का आलम: नगर पालिका के जिम्मेदारों की अनदेखी लापरवाही का खामियाजा उठा रहे यात्री,
बस स्टैंड पर गुरुवार को थोड़ी सी बारिश में ही बरसात का पानी भर गया है निकासी नहीं होने से हजारों यात्री परेशान हो जाते है।आवारा जानवर, अतिक्रमण, सड़क बेहाल, खुला नाला, साफ-सफाई नहीं।
बस स्टैंड परिसर में बरसात का जल भराव की वजह से गंदगी भी बराबर बनी रहती है। जल भराव के कारण हजारों यात्री प्रभावित हो रहे हैं। बस स्टैंड आते जाते वक्त बमुश्किल पानी से होकर निकलना पड़ रहा है। बीच बस स्टैंड पर होती है बस खड़ी प्रशासन का ध्यान नहीं। बस स्टैंड के सामने ही खुला नाला है जो दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है।
के के यदुवंशी सिवनी मालवा। बस स्टैंड परिसर में बरसात का पानी भर रहा है। निकासी की व्यवस्था नहीं होने की वजह से जल भराव पूरे बरसात बना रहता है। जल भराव की वजह से गंदगी भी बनी रहती है। जल भराव के कारण यात्री प्रभावित हो रहे हैं। बस स्टैंड आते वक्त बमुश्किल पानी से होकर निकलना पड़ रहा है। अंदर प्रवेश करते ही यात्रियों को जल भराव की समस्या का सामना करना पड़ता है। बस स्टैंड बनाते वक्त पानी निकासी के लिए ढलान को लेकर ध्यान नहीं दिया। जल भराव की समस्या का भी जिम्मेदार अधिकारियों ने समाधान का कोई प्रयास नहीं किया।
दुकानदारों को खुद सफाई करानी पड़ रही बरसात होने पर गंदगी फैली रहती है। सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालात यह हैं कि दुकानदार अपनी अपनी दुकानें के आगे सफाई करा लेते हैं। शेष जगह गंदगी यथावत बनी रहती है। बस स्टैंड पर खुलकर अतिक्रमण भी हो रहा है।यात्री जगदीश ने बताया कि आराम से बैठना भी मुश्किल है बस स्टैंड के अंदर यात्री के लिए पंखे भी नहीं है ।
बस स्टैंड अस्तव्यस्त है। यात्री यहां चैन से नहीं बैठ पाते हैं। अंदर गंदगी पड़ी रहती है बस स्टैंड के दुकानदारों का कहना है कि सफाईकर्मी औपचारिकता के लिए झाडू लगाने आते हैं। सारा कचरा इधर-उधर मोड़ देते हैं। इस कारण गंदगी का आलम है। इस कारण ज्यादा गंदगी रहती है। समस्या बढ़ती ही जा रही है।
शुरुआत में ही बस स्टैंड जाने वाला हिस्सा उखड़ा रोड से अंदर प्रवेश करती हैं। बस स्टैंड द्वार वाला हिस्सा उखड़ा पड़ा है। बरसात में यहां कीचड़ हो जाती है। इस कारण यात्री परेशान रहते हैं। उक्त हिस्से में सीसी नहीं कराई गई है। वही आवारा जानवर भी घूमते रहते हैं प्रशासन व्यवस्था को लेकर केवल मीटिंग ही करते हैं हकीकत कुछ नहीं दिखाई देता।