भारत के बजाय लन्दन मे लेंगी शरण
देश छोडने के बाद शेख हसीना भारत होते हुए लंदन जाना तय किया।जानकारी के अनुसार बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमत्री शेख हसीना ढाका से अगरतला आईं। अब अगरतला से नई दिल्ली आकर वह लंदन का प्लेन पकड़ेंगी।देश से भागने के बाद वह भारत में भी शरण ले सकती थीं लेकिन उन्होंने लंदन को चुना है। 05 अगस्त सोमवार की सुबह शेख हसीना के लिए मुश्किल भरा रहा।सेना के कहने पर इस्तीफा दिया। आगे की रणनीति तय की। भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक तार सुबह से सक्रिय हो गए।भारत को पुख्ता तौर पर ये सूचना दे दी गई होगी कि शेख हसीना बांग्लादेश में इस्तीफा देकर सेना के हेलीकॉप्टर से अगरतला आएंगी. वहां उऩ्हें छोड़ने के बाद बांग्लादेश का हेलिकॉप्टर लौट जाएगा।आगे का काम भारत सरकार उनके लिए करेगी। अगरतला से भारत का विशेष विमान ही उन्हें लेकर दिल्ली तक ला रहा है।यहां से उनके लंदन जाने की व्यवस्था हो चुकी है।
शेख हसीना द्वारा शरण के लिए लंदन को चुनना उनके ऐतिहासिक संदर्भ और बांग्लादेश में हिंसक राजनीतिक उथल-पुथल के बाद सुरक्षा की जरूरत पर आधारित है।1975 में अपने पिता शेख मुजीबुर रहमान सहित अपने परिवार के सदस्यों की हत्या के बाद, हसीना को अपने जीवन के लिए कई खतरों का सामना करना पड़ा.
लंदन भी तब उनका एक घर था
अपने निर्वासन के दौरान उन्होंने भारत में शरण मांगी. 1981 में बांग्लादेश लौटने से पहले वह 06 साल तक यहां कल्पित पहचान के तहत रहीं.उसी दौरान उनका एक घर लंदन भी था, जो उनके लिए महत्वपूर्ण जगह बन गया. जो उनके लिए परिवार की हत्या के लिए समर्थन जुटाने और न्याय की मांग करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता था.
लंदन में वह मीटिंग में संबोधित करती थीं
1980 के दशक में, उन्होंने अपने परिवार के हत्यारों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग करते हुए उन्होंने लंदन में सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया, जिससे उनकी दुर्दशा और बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति के बारे में अंतरराष्ट्रीय जागरूकता बढ़ाने में मदद मिली।
हसीना का लंदन से जुड़ाव उनके व्यापक राजनीतिक संघर्ष का भी प्रतीक है. लंदन में उनके समय ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय संबंध बनाने की अनुमति दी।इस शहर में वह खुद को सुरक्षित पाती होंगी।
भारत में क्यों नहीं
शायद इसकी सबसे बड़ी वजह यही होगी कि कहीं इससे भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध खराब ना जाएं. क्योंकि जिस तरह से बांग्लादेश में लोग इस समय शेख हसीना से काफी नाराज हैं. अगर भारत ने हसीना को रखा तो बांग्लादेश के लोग भारत से भी नाराज हो जाएंगे. इसका संबंधों पर बहुत असर पड़ेगा. खासकर बांग्लादेश फिलहाल भारत के लिए बहुत अहम है, क्योंकि चीन इस पूरे घटनाक्रम का फायदा ले सकता है।