बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे भड़की हिंसा ने देश मे तख्ता पलट कर दिया प्रधानमंत्री शेख हसीना दिया इस्तीफा सुरक्षित स्थान पर पहुंची!
भड़की हिंसा मे 300 से अधिक लोगो की मौत, हजारों घायल
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 ढाका। आरक्षण के मुद्दे पर भड़की हिंसा ने आज देश मे तख्ता पलट कर ही दिया। बांग्लादेश में हालात बदतर हो गए हैं। इस बीच, तेजी से बदले घटनाक्रम में प्रधानमंत्री शेख हसीना सेना के कहने पर इस्तीफा देकर ने देश छोड़ दिया। सूत्रो का कहना है कि उन्होंने अपनी बहन शेख रिहाना के साथ भारत में शरण ली है। उनका हेलिकॉप्टर अगरतलाआ में लैंड होने की सूचना है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
सेना ने संभाली व्यवस्था
इसके बाद बांग्लादेश सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज-जमान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राष्ट्र को संबोधित किया। सेना प्रमुख ने बताया कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक सेना तैनात रहेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात से दुनिया में बांग्लादेश की बदनामी हुई है। हमने सभी पक्षों को बुलाया है। आंदोलनकारी संगठनों को भी बुलाया है। जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन होगा।
बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर पिछले महीने प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी। देखते ही देखते छात्र संगठन हिंसक हो गए। बांग्लादेश सरकार ने 1971 मुक्ति संग्राम में शामिल होने वाले लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का आदेश था।सुप्रीम कौर्ट ने आदेश रद्द कर दिया था।इसके बाद भी भड़की हिंसा।
अभी तक हुई हिंसा मे 300 लोगो की मौत
रविवार को भड़की ताजा हिंसा में करीब 100 लोगों की मौत हुई थी। भीड़ ने कई पुलिसकर्मियों को गोली मार दी थी। इस हिंसा में अब तक कुल 300 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हैं।
पीएम हसीना ने छोड़ा देश
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार दोपहर लगभग 2:30 बजे एक सैन्य हेलीकॉप्टर पर बंगभवन (पीएम आवास) से अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ सुरक्षित स्थान के लिए रवाना हुईं। एसा बांग्लादेश मीडिया के द्वारा बताया जा रहा है।
जल्द होंगे हालात समान्य
सूत्रो का कहना है कि बांग्लादेश में अब जल्द हालात सामान्य होने की उम्मीद है।इधर सेना प्रमुख ने सभी मांगे मानने की घोषणा कर दी है।पुलिस को हटाकर सेना की तैनाती कर दी गई है।इंटरनेट और सोशल मीडिया पर पहले से बैन है।
शेख हसीना ने पीएम पद से दिया इस्तीफा
हिंसक प्रदर्शनकारियों ने मुजीब उर रहमान की मूर्ति तोड़ी।जो शेख हसीना के पिताजी थे जो बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति थे।15 अगस्त 1975 को इनकी हत्या हो गई थी।