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शिक्षाकर्मी की विधवा को अनुकंपा नियुक्ति के लिए 13 वर्ष तक भटकाने पर कोर्ट ने लगाई लताड़

हाई कोर्ट ने मृत शिक्षा कर्मी की पत्नी को 13 वर्ष से अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटकाए जाने के रवैये को आड़े हाथों लिया।

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मकड़ाई समाचार जबलपुर | मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मृत शिक्षा कर्मी की पत्नी को 13 वर्ष से अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटकाए जाने के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, आयुक्त लोक शिक्षण, कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी रायसेन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।  न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता रायसेन निवासी लक्ष्मी पन्द्राम की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा व एएस पवार ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता का पति ओबेदुल्ला जनपद पंचायत में कार्यरत था। 25 अक्टूबर, 2013 को उसकी मृत्यु हो गई। कलेक्टर ने 11 सितंबर 2019 को जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिया था कि पात्र होने पर अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन पर कार्रवाई करें। इसके बावजूद डीईओ ने 12 वीं के साथ डीएड की अनिवार्यता का हवाला देते हुए आवेदन निरस्त कर दिया। बावजूद इसके कि ऐसे मामलों में विभाग किसी भी पद पर नियुक्ति दे सकता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस वजह से वर्ष गुजरते गए और याचिककर्ता हलकान होती रही। जिससे तंग आकर न्याय की मांग शुरू की है। उसे भरोसा है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद उसे अनुकंपा नियुक्ति अवश्य मिलेगी।