नवापाराकला की जनचौपाल में कमीशन मांगने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में भी शिकायत करें
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम ने अफसरों के भ्रष्टाचार और मनमानी की पोल खोलकर रख दी है। वे रविवार को प्रेमनगर विधानसभा क्षेत्र के तीन गांवों नवापाराकला, सुमेरपुर और रामनगर पहुंचे। नवापाराकला की जनचौपाल में सरपंच संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र मरकाम ने पंचायत में काम स्वीकृत कराने के लिए अधिकारियों द्वारा 10 फीसद तक कमीशन मांगने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि जब तक चढ़ावा न चढ़ाएं, फाइल आगे नहीं बढ़ती। इतना सुनते ही मुख्यमंत्री का चेहरा तमतमा गया। उन्होंने कहा कि आप लोग चिंता न करें। मैं इस मामले की जांच कराऊंगा। यदि आरोप सही पाए गए तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
पिछले पांच दिनों से सरगुजा की अलग-अलग विधानसभा का दौरा कर रहे मुख्यमंत्री से न सिर्फ अधिकारियों के रिश्वत लेने की शिकायत हो रही है, बल्कि जमीनी स्तर पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में लापरवाही बरतने का मामला भी सामने आ रहा है। नवापाराकला की जनचौपाल में कमीशन मांगने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में भी शिकायत करें। हम भ्रष्टाचार करने वालों को रंगे हाथों पकड़वाएंगे।
पेड़ के नीचे लगी जनचौपाल में केदारपुर के किसान अमरजीत कुर्रे ने बताया कि डेयरी की सब्सिडी अब तक नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपका नाम और गांव नोट कर लिया है। जिसने भी गड़बड़ी की है, उस पर कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल सब्सिडी देने का भी निर्देश दिया।
सुमेरपुर की जनचौपाल में ग्रामीणों ने बताया कि उनके यहां स्कूल में शिक्षक नहीं आते, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने बताया कि 2016-17 में बने शौचालय का भुगतान नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिसको दोषी पाया जाएगा, उनपर कार्रवाई जरूर होगी। मुख्यमंत्री से ग्रामीणों ने वनभूमि का पट्टा नहीं मिलने की भी शिकायत की, जिस पर उन्होंने अभियान चलाकर पात्र लोगों को वन पट्टा देने का निर्देश दिया।