हंडिया: यात्री प्रतीक्षालय अतिक्रमण की चपेट में नेताओ के हाथों की कठपुतली बने सरपंच सचिव भी नहीं चाहते गांव का विकास हो, तहसीलदार ने थमाए नोटिस तो शुरू हो गई राजनीति!
ग्राम पंचायत और तथाकथित नेता नहीं चाहते कि आमजन को मिले सुविधा ,यात्री बस के इंतजार में घंटों खड़े रहते महिला बच्चे बुजुर्ग! कालेज की छात्राएं। बस स्टेंड सहित नगर में गंदगी का लगा रहता साम्राज्य, राजनीति करेगे। स्वच्छता अभियान आज तक नहीं चलाया
प्रशासन के अधिकारी भी नहीं देते ध्यान!
हंडिया। हरदा जिले की धार्मिक नगरी हंडिया जो कि ग्राम पंचायत , तहसील मुख्यालय और पुलिस थाना का मुख्य केंद्र बिंदु है। नर्मदा नदी सिदेश्वर महादेव मंदिर नाभि कुंड होने के कारण हजारों श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। लेकिन स्थानीय ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव को आम जन श्रद्धालुओं आने वाले राहगीरों मेहमानों की सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं।
हंडिया का एकमात्र यात्री प्रतीक्षालय रात में शराबियों का अड्डा बन गया। और दिन में दुकानदार उसके सामने अपनी दुकान लगाकर उसे बंद कर देते है।
गंदगी का आलम टूटी फूटी बैठक व्यवस्था अपने आप अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही। उक्त बदहाल व्यवस्था को लेकर मकड़ाई एक्सप्रेस ने खबर लगाकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया था। लेकिन दबंगों के हौसले इतने बुलंद है कि पत्रकार को देख लेने की धमकी दी। और अब राजनीति की शुरुआत खड़ी करवा दी। बोले हम कीचड़ गंदगी में ही रहेंगे।
अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही ग्राम पंचायत हंडिया।क्योंकि सरपंच अनपढ़ है। कठपुतली बनकर रह गए नेताओ की।
इन सबके पीछे ग्राम पंचायत के मुखिया जो कि अनपढ़ है। यह बात जब वो सरपंच बने थे तब उन्होंने सो रुपए के स्टांप पेपर पर लिखकर अपना सरपंच प्रतिनिधि नियुक्त कर कहा था। उस समय मकड़ाई एक्सप्रेस ने प्रमुखता से प्रकाशित कर प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया था। प्रशासन के अधिकारियों ने उनकी नियुक्ति को निरस्त कर दिया था। लेकिन नेता महोदय ने फिर दूसरी जगह जुगाड लगा ली। अब विधायक प्रतिनिधि बनकर पंचायत के मुखिया बन बैठे। और संवैधानिक पद पर पदस्थ आदिवासी सरपंच उनके हाथों की कठपुतली बनकर रह गया। तथाकथित नेता इनके अंदर राजनीति सिर्फ पद तक ही सीमित है।
हंडिया के हालत देखकर सड़क पर चलते है तो देखते है। कई चप्पल गंदी न हो जाए। क्योंकि हर जगह कीचड़ गंदगी का अंबार लगा है। क्योंकि ये धार्मिक नगरी राजनीति की भेट चढ़ी हुई है। यहां के सौंदर्यीकरण साफ सफाई बिकास मूलभूत सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं इसलिए आज भी हंडिया के हालत बद से बत्तर है।
लेकिन जनहित में मकड़ाई एक्सप्रेस सरकार को टेक्स देने वाली जनता जनार्दन के हित में मुद्दे समस्याओं को आगे भी उठाता रहेगा।
क्या लाचार प्रशासन नेताओ की हाथ की कठपुतली बनेगा? या फिर यात्री प्रतीक्षालय का अतिक्रमण हटायेगा।
हंडिया को यहां के ग्राम पंचायत प्रदेश की सबसे अच्छी सुंदर ग्राम पंचायत नगर बना सकती थी। लेकिन दुर्भाग्य कहे की ओछी मानसिकता वाले नेताओ की राजनीति खत्म हो जाती। फिर उनको दादा भाऊ कहने वाले नहीं बचते। एक जिम्मेदार जागरूक पत्रकार ने जब अव्यवस्थाओं को लेकर खबर प्रकाशित हर जिला प्रशाशन का ध्यान आकर्षित कराया तो। राजनीती शुरू हो गई। पहले पत्रकार को धमकाया गया। फिर । तहसीलदार को पत्र लिखकर चेतावनी दी कि बस स्टेंड का अवैध अतिक्रमण नहीं हटाया जाए।
जबकि जिम्मेदार ग्राम पंचायत उन दुकानदारों को अच्छी जगह का चयन कर दुकान लगवा सकती थी। यात्री प्रतीक्षालय का रास्ता साफ करवाकर छोड़कर उसकी मरम्मत करवा सकती थी। बस स्टेंड के यात्री प्रतीक्षालय शराबियों के अड्डे को बंद करवा सकती थी। लेकिन उस पंचायत ने व्यवस्था सुधारने की बजाय। उल्टा प्रशासन के अधिकारियों को ही चेतावनी दे डाली।
अब जिला कलेक्टर आदित्य सिंह को इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर हंडिया नगर में आने वाले हजारों लाखो श्रधालुओं यात्रियों महिलाओं कालेज की बालिकाओं के हित में निर्णय लेकर यात्री प्रतीक्षालय को अतिक्रमण मुक्त करवाना चाहिए।