हरदा। जिले काँग्रेसियों द्वारा दिनांक 07/06/2023 को नगर पालिका हुए घेराव के बाद झूठी एफआईआर की निष्पक्ष जांच हेतु पुलिस अधीक्षक नाम का ज्ञापन एएसपी महोबिया को सौंपा ।
ज्ञापन मे बताया कि दिनांक 7 जून को कांग्रेस पार्षदगण द्वारा नगर पालिका क्षेत्र हरदा के नागरिकों की मांग नगर पालिका हरदा के समक्ष ज्ञापन के माध्यम से रखी थी परंतु भाजपा के नेताओं द्वारा राजनीतिक द्वेषता के चलते झूठे प्रकरण दर्ज कराया हैं उक्त झूठे प्रकरण मे पुलिस थाना सिविल लाइन द्वारा भी बिना कोई जांच के झूठा एवं असत्य अपराध पंजीबद्ध किया हैं।
मुख्य जांच के बिन्दु –
1. कांग्रेस द्वारा दिनांक 5/6/23 को जिला कलेक्टर कार्यालय मे उक्त नगर पालिका के समक्ष ज्ञापन के संबंध मे विधिवत लिखित सूचना प्रदान कर दी गई थी।
2. कांग्रेस नेता द्वारा नगर पालिका हरदा पहुचने से 3 घंटे पहले मुख्य नगर पालिका अधिकारी को मोबाईल फोन के माध्यम से अपनी बात किनके सामने एवं ज्ञापन कोन लेगा के संबंध मे जाकारी दे दी गई थी।
3. दिनांक 07/06/2023 को सभी कांग्रेस कार्यकर्ता आम नागरिकों के साथ नगर पालिका हरदा के प्रांगण मे पहुंचे पहले मुख्य नगर पालिका अधिकारी को देखा एवं उसके बाद उनके बताए कर्मचारी को देखा परंतु कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं मिला ऐसी परस्थति मे मुख्य नगर पालिका अधिकारी महोदय के बताए दिशा निर्देशों का पालन किया गया ।
4. नगर पालिका अध्यक्ष के कक्ष मे अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रखने से पूर्व उनके कक्ष मे पहुचने से पहले वहाँ मौजूद पुलिस प्रशासन द्वारा भी किसी प्रकार के कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए।
5. नगर पालिका अध्यक्ष के कक्ष मे कांग्रेस नेताओं द्वारा सभ्यता एवं शांति से जनता की बात रखी गई इस दौरान जिले के सभी पत्रकार बंधु, कई पुलिसकर्मी, नगर पालिका अध्यक्ष पति अन्य भाजपा नेता उपस्थित थे जिसकी सभी पत्रकार बंधुओ के पास वीडियो एवं फोटो भी हैं किसी भी फोटो विडिओ मे कोई भी कांग्रेस नेता पदाधिकारी किसी भी प्रकार से कोई भी डराने धमकाने अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं कर रहा हैं इसकी जांच होना आती आवश्यक हैं ।
6. नगर पालिका अध्यक्ष के कहने पर सभी कांग्रेस बिना देर किए उनके बताए अनुसार नगर पालिका भवन मे नीचे पहुँच गए थे इन परिस्थतियों मे बंधक बनाने का सवाल ही नहीं उठता।
7. नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा दिनांक 7/06/2023 को हुए ज्ञापन के बाद प्रेस वार्ता की गई थी उसमे भी किसी भी प्रकार की बंधक बनाने एवं अभद्रता आदि करने की बात नहीं बताई गई।
8. ज्ञापन देने के तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज होना भी अपने आप मे एक जांच का विषय हैं।
बिना जांच के हुई भाजपा नेताओं के दबाव मे झूठी एफआईआर दर्ज होने से आमजनता मे रोष हैं एवं इस प्रकार झूठी शिकायत के आधार पर अपराध पंजीबद्ध करना असंवैधानिक हैं क्योंकि आमजनता की आवाज उठाना बिल्कुल भी गलत नहीं है।
काँग्रेसजनों ने पुलिस प्रशासन से मांग की हैं कि झूठी एफआईआर की विधिवत जांच कर जल्द इस झूठे पंजीबद्ध अपराध मे खात्मे की कार्यवाही करें।
ज्ञापन सौंपने के दौरान मुख्य रूप से पूर्व न पा अध्यक्ष हेमंत टाले, पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पँवार, कुं अभिजीत शाह, आदित्य गार्गव, केदार सिरोही, दिनेश यादव, अनिल बंसल, मोहन साई, शंकर सोलंकी, सुरेन्द्र विश्नोई,रामदीन पटेल, भागीरथ पटेल, महेश पटेल, विक्रम सिंह चौहान, महेंद्र मौर्य, आशुतोष कोठारी, गौरीशंकर शर्मा, जयप्रकाश तिवारी, मनीष बाबूजी, आनंद पटेल, मुन्ना पटेल, कुं मंजीत सिंह, मुकेश पाराशर, संजय दिशोरे, रमेश सोनकर, अजय सिंह राजपूत, नईम खान, अजय पाटील, योगेश चौहान, रामनारायण निवारे, सुनील गीते, धर्मेन्द्र सिंह चौहान, मुकेश कलवानीय, महेश राठौर, रूपेश पटेल, नितिन पटेल, प्रवीण जायसवाल, दिलीप ठकूर राघवेंद्र पारे, जितेंद्र राजपूत, भूपेश बाबल,दिलीप ठाकुर, लक्ष्मीकांत दुबे,राजेश सोनकर, संदीप गौर, जितेंद्र सोनकिया, नरेश पाहुजा, दिनेश विश्वकर्मा, प्रणय तिवारी, मुकेश शर्मा, सचिन कुचबनदीया, मदन गौर, मो सुरेन्द्र सराफ़, शैलेन्द्र जोशी, संजय पांडेय, राजू रिनवा,अनिल विश्नोई योगनन्द राजपूत, वीरू ठाकुर, मो सुलेमान, राकेश बेनीवाल, आनंद माझी, सुरेश गुर्जर, जावेद पटेल, कुतुब अली, भूपेन्द्र राजपूत, अरसाईद खान, राहुल राजपूत, ज्ञानदास गुर्जर, महेश राठौर, पीयूष चाचरे, सत्यनारायण राजपूत, शेख अशफाक, कृष्ण विश्नोई, नवीन पाल, संतोष किरावर, सहित सैकड़ों की संख्या मे काँग्रेसजन मौजूद रहे।