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हरदा : पूर्व विधायक, कांग्रेस जिलाध्यक्ष , अवनी बंसल, गगन अग्रवाल, नेताप्रतिपक्ष नपा पर शासकीय कार्य मे बाधा को लेकर FIR ! देखे खबर बाजार में क्या है जनचर्चा

मकड़ाई एक्सप्रेस हरदा । कांग्रेसियों द्वारा 7 जून को नपा में मटमैले पानी व अन्य समस्याओं को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित धक्का मुक्की, अभद्रता और धमकाने के आरोप में नपाध्यक्ष भारती कमेडिया व कार्यालय अधीक्षक आलोक शुक्ला ने अलग अलग एफआईआर दर्ज कराई है।

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नपाध्यक्ष ने 9 जून को दिए आवेदन में कहा कि 7 जून को दोपहर 1 बजे कर्मचारी देवीदास राठौर मुक्तिधाम की लकड़ी की फाइल साइन कराने चैंबर में आया था। मैं फाइल देखकर साइन करने वाली थी, तभी पूर्व विधायक आरके दोगने, जिलाध्यक्ष ओम पटेल, नेता प्रतिपक्ष अमर रोचलानी, प्रवक्ता अवनि बंसल, गगन अग्रवाल व अन्य एक राय होकर उनके चैंबर में आए। मटका फोड़ा। अवनि बंसल ने धक्का-मुक्की कर अपशब्दों का उपयोग कर अपमानित किया। मुझे घेर लिया, जिससे मैं डर गई। धारा 342,294,323,34 का केस दर्ज किया। एक अन्य मामले में नपा के कर्मचारी आलोक शुक्ला ने आवेदन दिया। इसमें कहा कि खलासी देवीदास राठौर मुक्तिधाम की लकड़ी की फाइल साइन कराने आया था।वह अध्यक्ष के चैंबर के बाहर खड़ा था, जिससे धक्का मुक्की और नारेबाजी करते हुए हुए उक्त लोग भीतर चले गए। उसे सरकारी काम नहीं करने दिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 353,294,34 दर्ज किया।

इस घेराव घटनाक्रम पर कुछ सवाल हरदा में जनचर्चा में रहे। प्रस्तुत हैं जनमानस के प्रश्न –

– इस पूरे घेराव प्रदर्शन कार्यक्रम की जानकारी आयोजक द्वारा  सूचना कलेक्टर , एसपी को , थानाकोतवाली के पास थी। मिली जानकारी में घेरावस्थल  पर भी  पुलिस मौजूद थी।  पुलिस की मौजूदगी में घेराव स्थल पर  ये घटनाक्रम कैसे हुआ। यदि पुलिस वहां थी तो नपाध्यक्ष के कक्ष में कांग्रेसियों को जाने से क्यों नहीं रोका गया। मौजूद पुलिस क्या कर रही थी ? जनचर्चा में यह बात काफी चली।

– जनचर्चा रही कि कार्यालय अधीक्षक आलोक शुक्ला ने एफआईआर में बताया कि वे काफी भयभीत हो गए थे।  भयभीत होने की वजह से मतलब उनको 7 जून के घेराव की शिकायत आवेदन देने में 2 दिन लगे।  शासकीय कार्य मे बाधा की एफआईआर तीसरे दिन हुई।  ऐसा ही भय नपाध्यक्ष ने भी एफआईआर में व्यक्त किया है जबकि उनके परिजन एवं भाजपाकर्मी व cmo नपाध्यक्ष के कक्ष में ही मौजूद थे। साथ ही मीडिया कर्मी भी वही थे।  घेरावस्थल पर पुलिस तो थी ही।

–  मिली जानकारी में आयोजक अधिवक्ता गगन  ने  cmo को घेराव के पूर्व ही ज्ञापन लेके की सूचना की थी।  जनचर्चा में cmo को पहले से ज्ञात जानकारी  से बाधा से निपटने का पूरा समय था।

–  इस मामले के साथ साथ पूर्व नपाध्यक्ष जैन द्वारा साथियों सहित एक युवा की पिटाई के मामले को लेकर भी चर्चाएं चलीं।

– नपाध्यक्ष के कक्षमें मौजूद सीसीटीवी कैमरे, कक्ष से बाहर लगे कैमरे की रिकार्डिंग से  अपशब्द, धक्कामुक्की को लेकर काफी जनचर्चा  रही। चर्चा यह भी रही कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष के कारण बताओ पत्र के अनुसार उस समय पार्टी आपस मे ही खींचतान में लगी थी। ऐसे में नपाध्यक्ष, नपा कर्मचारी  से अभद्रता के लिए कांग्रेस ने कब समय निकाला।