ब्रेकिंग
India Post GDS 3rd Merit List 2025 इस दिन होगी जारी? लाखों उम्मीदवारों का इंतज़ार होगा ख़त्म, ऐसे करें... PM आवास योजना की नई लिस्ट आ गई? घर बैठे मोबाइल से चेक करें अपना नाम, मिलेंगे ₹1,20,000! PM Awas Yoja... MP में लाड़ली बहना का हिसाब-किताब! घर आ सकते हैं सरकारी अफसर, जानें क्यों हो रहा है ये बड़ा सर्वे! जल जीवन मिशन की सभी पेयजल योजनाएं 30 अप्रैल तक पूर्ण करें,  समय सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाली... कौन बना रहा है सड़क?? नगर पालिका, पंचायत, नहर विभाग को नहीं मालूम , विभागों सहित नागरिकों को भी जानका... MP BIG NEWS: देवास पुलिस ने किया जुए के अड्डे का पर्दाफाश, देवास हरदा सीहोर के 10 जुआरी गिरफ्तार, ₹ ... बातें हरदे की ... दाजी -बदामी संग व्यापारी ने CM हेल्पलाइन पर की शिकायत,महिला ने मेरी निजी भूमि पर टपरी बनाकर किया जबरन कब्जा सिराली: नरवाई जलाने के मामले में हल्का पटवारी की रिपोर्ट पर आदिवासी किसान पर एफआईआर दर्ज हंडिया स्वच्छता के नाम पर हजारों रुपए प्रतिमाह निकल रहे कागजों पर इधर गंदगी कीचड़ का लगा हुआ अंबार, ...

हरदा: मुहर्रम पर तीन पीढ़ियों से सवारी निकाल रहा हिन्दू परिवार ! सद्भावना के लोभान से महक रही हिन्दू मुस्लिम एकता

मकड़ाई समाचार हरदा- जी हां ! हरदा खेड़ीपुरा निवासी वैद्य परिवार पिछली तीन पीढ़ियों से मुहर्रम पर्व पर अपने घर से सवारी निकाल रहा है। यह परम्परा उनके पूर्वजों के समय से आज तक जारी है। दर्जी वाले बाबा के नाम से ख्यात सवारी वैद्य परिवार में आयोजित होती है । वैद्य परिवार की अनोखी मिसाल की चर्चा दूर दूर तक फैली हुई है। इस अनोखे साम्प्रदायिक सद्भाव के लोभान की महक पूरे इलाके में महसूस की जाती है।

पूरे विश्व भर में मोहर्रम का पर्व पैगम्बरे इस्लाम के नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है मुस्लिम वर्ग बड़े अकीदे के साथ इस पर्व को मनाते हैं ।
– हरदा जिले में मोहर्रम का पर्व सिर्फ मुस्लिम वर्ग ही नही बल्कि हिंदू परिवार भी करीब 150 वर्षो मनाते आ रहा मोहर्रम का पर्व हिंदू मुस्लिम भाईचारे की एक अदभुत मिसाल है यहां मोहर्रम का पर्व हिंदू परिवार अपनी 3 पीढ़ियों से मनाते आ रहा है ।

- Install Android App -

बाबा बसंत कुमार वैद्य का और उनका परिवार अपनी 3 पीढ़ियों से मोहर्रम पर्व पर अपने घर पर सवारी बैठाते आ रहे है । दर्जी वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध बसंत कुमार वैद्य ने बताया कि उन्हें ये उपाधि उनके पूर्वजों द्वारा विरासत में मिली है। क्योंकि उनके दादाजी फिर उनके पिताजी हर वर्ष मोहर्रम पर्व पर अपने घर पर सवारी का आयोजन किया करते थे । अब वे खुद इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपने पूर्वजों की याद ताजा करते हैं।

शहर भर में दर्जी वाले बाबा की सवारी की बड़ी चर्चा होती है । बाबा अपने अकीदतमंदों के साथ ताजियों और दरगाह की जियारत पर निकलते हैं। दूर दूर से बाबा की सवारी में शामिल होने बाबा के अनुयाई पहुंचते हैं । पिछले 2 वर्षो से मोहर्रम कोरोना के कारण बड़ी शांति पूर्वक तरीके से मनाया जा रहा। जिसके चलते वैद्य परिवार भी सारे आयोजन अपने घर ही कर अपनी अकीदत पेश कर रहा है।