चौक चौराहो पर प्रतिमा लगाने को लेकर किसी समाज समुदाय के लोगो द्वारा अपना वर्चस्व दिखाने के कारण विवादित हालात बने थे याचिका मे माकडोन डा आम्बेडकर की प्रतिमा को तोड़ने का जिक्र किया था।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर। मध्य प्रदेश में अब किसी चौराहे या सड़क पर महापुरुषों या किसी अन्य की प्रतिमा नहीं लगेगी।
जनहित याचिका पर फैसला
हाई कोर्ट ने यह आदेश उज्जैन जिले के माकड़ोन तहसील निवासी राजेश कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सोमवार को दिया। याचिका में कहा गया था कि माकड़ोन में कुछ समय पहले चौराहे पर लगी डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को पाटीदार समाज के लोगों ने तोड़ दिया था। वे वहां सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा लगाना चाहते थे। डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने के बाद वहां स्थिति अनियंत्रित हो गई थी।
प्रतिमाओ के लगने से यातायात में दिक्कत
ज्ञात हो कि कई दिनों तक यह स्थिति बनी रही। इसके बाद कई समाजिक संस्थाओं ने माकड़ोन नगर परिषद से अलग-अलग महापुरुषों की प्रतिमा लगाने की अनुमति मांगी। जिसे स्वीकार किया गया। इधर याचिका में कहा गया कि इस तरह से चौराहे-चौराहे प्रतिमा लग जाएंगी और आए दिन लोग यहां पर एकत्रित होते रह्ते जिससे यातायात नियंत्रित करना मुश्किल हो जाएगा।
कोर्ट ने प्रतिमाएं लगाने पर रोक लगाई
जनहित याचिका दायर की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि हाई कोर्ट की जबलपुर मुख्य पीठ वर्ष 2023 में इस संबंध में स्पष्ट आदेश दे चुकी है। मुख्य पीठ ने चौराहों और सड़कों पर प्रतिमाएं लगाने पर रोक लगाते हुए कहा था कि ऐसे किसी कृत्य की अनुमति नहीं दी जा सकती, जिससे यातायात बाधित होता हो। इस स्पष्ट आदेश के बावजूद चौराहों पर प्रतिमा लगाने की अनुमति दे दी जाती है।
वर्तमान में स्थापित प्रतिमाओं पर नहीं पड़ेगा असर
हाई कोर्ट ने तर्क सुनने के बाद याचिका का निराकरण करते हुए आदेश दिया कि मुख्य सचिव और सभी विभागों के प्रमुख सचिव सुनिश्चित करें कि मुख्यपीठ द्वारा वर्ष 2023 में दिए गए आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाए। इस आदेश के बाद अब प्रदेशभर में चौराहे और सड़कों पर प्रतिमाएं स्थापित करने पर रोक लगेगी। हालांकि इस आदेश का कोई असर वर्तमान में स्थापित प्रतिमाओं पर नहीं पड़ेगा।