कृषक सम्मेलन कार्यक्रम को लेकर कृषि मंत्री कमल पटेल से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर मुकाती एवं अरविंद सारण ने मुलाकात की
मकड़ाई समाचार हरदा |शहीद अमृता देवी वृक्षधर कृषक सम्मेलन कार्यक्रम को लेकर मंगलवार को भोपाल मंत्रालय में कृषि मंत्री कमल पटेल से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर मुकाती एवं अरविंद सारण ने मुलाकात कर अक्टूबर माह होने वाले कार्यक्रम पर चर्चा की।
मंत्री पटेल को चर्चा में बताया कि खंडवा जिला झूमरखाली रूपारेल नदी के किनारे किसानों के खेत मैं लगे सागवान जंगल में कार्यक्रम आयोजित होगा।जिसमें केंद्र पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,वन मंत्री विजय शाह,कृषि मंत्री कमल पटेल सहित 4 प्रदेशों से राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र मध्य प्रदेश के कृषक एवं पर्यावरण प्रेमी कृषि विशेषज्ञ सम्मिलित होंगे।
कमल पटेल ने कहा कि किसानो के माध्यम से खुशहाली आ सकती है। पर्यावरण में प्रदूषण के कारण पूरी पृथ्वी प्रदूषित हो रही है। वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है यही स्थित बनी रही तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं जिनमें पृथ्वी पर प्राणियों और वृक्षों का बने रहना कठिन होगा। इस प्रकार से भविष्य में मानव सभ्यता का जीवन ही खतरे में पड़ रहा है। किसान भाइयों के सहयोग एवं गौरीशंकर मुकाती के प्रयास एवं प्रेरणा से हम वृक्ष सम्मेलन का आयोजन करेंगे । पर्यावरणविद मुकाती ने कहा कि इस सम्मेलन किसान भाइयों का सुझाव दिया जाएगा और हमें नदी नालों के किनारों पर पड़ी हुई पड़त भूमि पर वृक्ष पौधे लगाना है और किसानों को समृद्ध बनाना है इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी। अरविंद सारण ने बताया कृषि कल्याण मंत्री कमल पटेल द्वारा पर्यावरण प्रोत्साहन विधियक योजना मैं संशोधन करने के अधिकारियों को निर्देश दिए ताकि किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना शामिल की जाए किसानों के द्वारा अपनी निजी भूमियों पर वृक्ष लगाते हैं तो उन्हें पर्यावरण प्रोत्साहन विधीयक के माध्यम से प्रोत्साहन कर 15000 रुपए हेक्टर अनुदान प्रतिवर्ष दिया जाए ताकि किसान भाई पर्यावरण नदी संरक्षण एवं धरती माता को बचाए रखेगा अन्नदाता अपने परिश्रम से निजी क्षेत्र में पौधारोपण कर दुगनी आमदनी ले सके।
कमल पटेल ने कहा कि किसानो के माध्यम से खुशहाली आ सकती है। पर्यावरण में प्रदूषण के कारण पूरी पृथ्वी प्रदूषित हो रही है। वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है यही स्थित बनी रही तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं जिनमें पृथ्वी पर प्राणियों और वृक्षों का बने रहना कठिन होगा। इस प्रकार से भविष्य में मानव सभ्यता का जीवन ही खतरे में पड़ रहा है। किसान भाइयों के सहयोग एवं गौरीशंकर मुकाती के प्रयास एवं प्रेरणा से हम वृक्ष सम्मेलन का आयोजन करेंगे । पर्यावरणविद मुकाती ने कहा कि इस सम्मेलन किसान भाइयों का सुझाव दिया जाएगा और हमें नदी नालों के किनारों पर पड़ी हुई पड़त भूमि पर वृक्ष पौधे लगाना है और किसानों को समृद्ध बनाना है इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी। अरविंद सारण ने बताया कृषि कल्याण मंत्री कमल पटेल द्वारा पर्यावरण प्रोत्साहन विधियक योजना मैं संशोधन करने के अधिकारियों को निर्देश दिए ताकि किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना शामिल की जाए किसानों के द्वारा अपनी निजी भूमियों पर वृक्ष लगाते हैं तो उन्हें पर्यावरण प्रोत्साहन विधीयक के माध्यम से प्रोत्साहन कर 15000 रुपए हेक्टर अनुदान प्रतिवर्ष दिया जाए ताकि किसान भाई पर्यावरण नदी संरक्षण एवं धरती माता को बचाए रखेगा अन्नदाता अपने परिश्रम से निजी क्षेत्र में पौधारोपण कर दुगनी आमदनी ले सके।