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मोदी सरकार के इस कदम के बाद देश के सबसे ताकतवर नौकरशाह बने अजीत डोभाल

नई दिल्लीः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA(National Security Advisor)) अजीत डोभाल का कद बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने उन्हें स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप (SPG) का हेड बना दिया गया है। इस ग्रुप की अध्यक्षता इससे पहले कैबिनेट सचिव किया करते थे, वे सरकार में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह होते हैं। इस जिम्मेदारी के साथ ही मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकर अजीद डोभाल को देश का सबसे पावरपफुल नौकरशाह बना दिया है।

अापको बतां दे कि साल 1999 में जब एसपीजी का गठन हुआ था, तब सरकार ने इसका चेयरपर्सन कैबिनेट सेक्रेटरी को नियुक्त किया था। लेकिन बीती 11 सितंबर को सरकार ने एक फैसले में एसपीजी का प्रमुख कैबिनेट सेक्रेटरी के बजाए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को बनाने का फैसला किया। 8 अक्टूबर के गैजेट में सरकार ने अपना यह आदेश पब्लिश भी किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, सरकार ने एसपीजी के सदस्यों की संख्या 16 से बढ़ाकर 18 करने का भी फैसला किया है। 2 अतिरिक्त नए सदस्यों के तौर पर कैबिनेट सेक्रेटरी और नीति आयोग के चेयरमैन को इसमें शामिल किया गया है।

कौन हैं अजीत डोभाल?
आईपीएस अजीत डोभाल मूलरूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल स्थित घीड़ी बानेलस्यूं गांव के हैं। अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में एमए किया। इसके बाद 1968 में यूपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर केरल कैडर से आईपीएस बने। 1972 में भारतीय खुफिया एजेंसी आईबी से जुड़े।

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डोभाल के नाम से कांपता है पाक
अजित डोभाल पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में छह साल तक काम कर चुके हैं। शुरुआती दिनों में वे अंडरकवर एजेंट थे और सात वर्ष तक पाकिस्तान में सक्रिय रहे। वे पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक पाकिस्तानी मुस्लिम की तरह रहे।

ब्ल्यू स्टार में निभाई थी गुप्तचर की भूमिका
भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराईं, जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका। इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत लिया था और उनकी तैयारियों की जानकारी मुहैया करवाई थी।

इन 5 कारनामों से ‘जेम्स बांड’ कहलाते हैं डोभाल
1. जून 2010, अजित डोभाल के दिशा निर्देशन में भारतीय सेना ने पहली बार सीमा पार म्यांमार में कार्रवाई कर उग्रवादियों को मार गिराया। ऑपरेशन में 30 उग्रवादी मारे गए।
2. जून 2014, डोभाल ने आईएसआईएस के कब्जे से 46 भारतीय नर्सों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3. 1971 से लेकर 1999 तक 5 इंडियन एयरलाइंस के विमानों के अपहरण की घटनाओं को टालने में भूमिका निभाई।
4. 1999, कंधार में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के अपहर्ताओं के साथ भारत के मुख्य वार्ताकार के तौर पर अजित डोभाल ही थे।
5. वह सात साल तक पाकिस्तान में एक गुप्त एजेंट बन के रहे थे।