ग्राम सोनपुरा मामले में आदिवासी परिवार को न्याय मिले एवं मामले की जांच स्पष्ट हो, श्री दोगने ने सोनपुरा मामले में जांच के लिए कुछ बिंदुओ को शामिल किए जाने की बात कही
मकड़ाई समाचार हरदा। आबकारी विभाग द्वारा खिरकिया के ग्राम सोनपुरा में अवैध शराब के होने की जानकारी के नाम पर 15 अप्रेल को छापामार कार्यवाही की गई। इस दौरान वाहन को रिवर्स लेते समय 2 वर्ष का मासूम बच्चा चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई।रविवार को पूर्व विधायक आरके दोगने ने सोनपुरा पहुंचकर आदिवासी परिवारो से मिलकर उनसे चर्चा कर अपनी परेशानियों से अवगत कराया। इस पर श्री दोगने ने पीढ़ित आदिवासी परिवार को हम आपके साथ है आपको न्याय मिलेगा। इसके लिए प्रशासन से आपके हित में सहायता की बात की जायेगी। पूर्व विधायक आरके दोगने ने जिला कलेक्टर,पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर निम्न बिंदुओ पर भी जांच किए जाने का निवेदन किया।
सोनपुरा मामलें मे निम्न बिंदुओ पर जांच होनी चाहिए। 1. अनुसूचित जनजाति के परिवारो में ठेकेदार के लोगो के साथ आबकारी के कर्मचारी अधिकारी क्यंू गए थे। 2. अनुसूचित जनजाति के लोगो के लोगो के एक परिवार मे 6 लीटर शराब रखने की छूट है फिर यहां पर छापामार कार्यवाही क्यूं की जा रही है। 3. आबकारी विभाग की कार्यवाही में गाड़िया विभाग की नही है तो ये किसकी है…! और उसका उपयोग क्यूं किया गया है। यह जांच का विषय है 4. आबकारी विभाग के लोेगो के साथ कौन-कौन लोग थे। ठेकेदार के पास प्रायवेट लोग जो काम करते है। क्या उनका वेरिफिकेशन किया गया है। मेरी जानकारी अनुसार अपराधिक प्रवृत्ति के लोग उनके यहां पर काम करते है यह भी जांच का विषय है। 5. आबकारी विभाग के दो कर्मचारी पर कार्यवाही की गई है जबकि यहां तीन गाड़ियो से लोग गए थे कौन-कौन थे और उन पर कार्यवाही होना चाहिए। उक्त बिंदुओ पर जांच की जावे व पीढ़ित परिवार को 50 लाख रुपये एवं शासकीय नौकरी तत्काल दी जाए।
वनवासियों को वन संपदा का उपयोग करने का हक व अधिकार है। सरकारी अधिकारी छापामार कार्यवाही और जांच के नाम पर अनावश्यक दबाब न बनाएंे। ग्रामीण क्षेत्रो से आदिवासी मजदूर काम की तलाश में शहर की ओर पलायन कर रहे है। शेष लोग वनग्राम में रहकर अपना पेट पाल रहे है। इस पर भी इस प्रकार की सरकारी कार्यवाही अत्यंत दुखद है।
