मकड़ाई समाचार हरदा। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने सोमवार को सोशल मीडिया पर टवीट कर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी पर हमला बोला और कहा कि मप्र कांग्रेस अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैै। पांच राज्यो में उनकी पार्टी मुंह की खा चुकी है। प्रदेश में सत्ता वापसी के सपने देख रहे है।
कृषि मंत्री पटेल के टवीट पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए पूर्व विधायक आर के दोगने ने कहा कि कृषि मंत्री कमल पटेल पहले अपना गृह जिला तो संभाल लें। जिले मे गरीब, अनुसूचित जाति जनजाति, किसान मजदूर और रोटी रोजगार को परेशान हो रहे है। वनग्राम में सरकारी नुमांइदे गरीब आदिवासियो का जीना दूभर कर दिया हैं। गरीब आदिवासियो को जांच व कार्यवाही के नाम पर सताया जा रहा है। ग्राम सोनपुरा में इनकी कार्यवाही में एक मासूम बच्चे की जान चली गई। आदिवासी परिवार को सांत्वना देने तक मंत्री जी नही गए उल्टै आरोप लगा रहे है। वन ग्रामो से आदिवासी परिवार पेट पालने के लिए शहरी क्षेत्रो के लिए पलायन कर रहा है।
जिले में अपराधी निरांकुश घूम रहे है, दिन दहाड़े हो रहे अपराध
जिले में अत्याचार की कमी नही है अपराध निरांकुश होता जा रहा है। आदिवासी बहन बेटियां जिले सुरक्षित नही है। वर्ष 2021-22 में जिला पुलिस थाने में रोजनामचे में दर्ज अपराध की बढ़ोत्तरी देखे जा सकते है। इनके अलावा कुछ मामलों एफआईआर दर्ज नही होती है जो पुलिस पर दबाब के चलते आवेदक कीे शिकायत दर्ज किए बिना ही उन्हें डरा-धमकाकर भगा दिया जाता है। गरीबो के साथ दिन दहाड़े लोग अपराध को अंजाम दे रहे है मतलब जिले में अपराध निरांकुश हो गया है।
कृषि मंत्री के गृह जिले में किसान है परेशाान
प्रदेश के कृषि मंत्री मंच से बड़ी बड़ी बांते करते है जमीनी हकीकत तो किसानो से मिलकर पता चलेगी। मंत्री जी अपने जिले मेे समय पर नहरो से किसानो को पानी नही दिला पाए आज भी कई ग्रामों के किसान मूंग में पानी देने से वंचित रहे गए है। तवा डेम से पानी छोड़ने 20 से 25 दिनों के बाद क्षेत्र की नहरो में पानी पहुंचा अगर मंत्री जी चाहते तो विभाग के अधिकारियो निर्देशित कर समय से किसानों को पानी दिलाते और किसान मूंग की फसल ले पाता। आज जिले के कई ग्रामों में पक्की सड़क नही होने से किसानो अपनी उपज को खरीदी केंद्र तक लाने में परेशान हो रहे है। सड़क न होने से उबड़-खाबड़ रास्तें सेे ट्रैक्टर-ट्राली लाते से समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। खरीदी केंद्रो पर उपज लिए किसानो ट्रैक्टर-ट्राली की लंबी-लंबी कतारे लगी है। जहां पर किसान परेशान हो रहा है तुलाई का काम धीरे चल रहा है। किसान कह रहे है हम्माल पर्याप्त नही है। तुलाई काम जानबूझ कर धीमी गति से किया जा रहा है। ट्राली को तुलाई में 7 दिन तक लग रहे है व जल्दी तुलाई के नाम से वसूली हो रही है। संपूर्ण मप्र में तुलाई प्लेट कांटे से हो रही है, आपके जिले में इलेक्ट्रानिक कांटे सेे हो रही है। तुलाई प्लेट कांटे से कराना चाहिए। जिससे ज्यादा से ज्यादा किसानो का काम हो एवं किसान परेशान नही होगा। उक्त बातों पर ध्यान देगें तो अच्छा होगा श्री कमलनाथ पर आरोप लगाने के बजाए।
