बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे सह उच्चतर अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रदेश का पहला ई स्कूल बन गया है। स्टूडेंट्स का हर काम यहां ऑनलाइन होता है। पढ़ाई, परीक्षा से लेकर छुट्टी भी ऑनलाइन स्वीकृत होती है। होम वर्क या नोटिफिकेशन स्टूडेंट्स और परिजन दोनों घर बैठे देख सकते हैं।
शहर के इस सरकारी स्कूल के प्रत्येक कक्षा में प्रोजेक्टर, थिंक लाइन कनेक्टेड विथ सर्वर, ऑनलाइन एडमिशन, फीस, रिजल्ट, बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस, फेस रीडर स्टॉफ, 150 सीसीटीवी, कक्षा नवमीं से बारहवीं तक के बच्चों के लिए ई टयूटर क्लास, टीचर्स एप, ऑनलाइन एग्जामिनेशन सिस्टम एप,फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम,लिंक्डइन आदि सोशल मीडिया कनेक्टीविटी, वीडियो कान्फ्रेसिंग सिस्टम, मोटीवेशनल लेक्चर जैसी कई सुविधाएं बच्चों के लिए उपलब्ध है।
स्मार्ट क्लॉस रूम, डिजीटल लाइब्रेरी, अत्याधुनिक कम्प्यूटराइज्ड लाइब्रेरी, वेबसाइट से बच्चों को ज्ञान अर्जित करने में आसानी हो रही है। दो साल के भीतर स्कूल ई स्कूल में अपग्रेड हो चुका है। प्राचार्य केके मिश्रा का दाव है कि प्रदेश का एक भी स्कूल ऐसा नहीं है जहां इतनी सारी सुविधाएं उपलब्ध हो।
बच्चों के लिए इंफार्मेशन एप है। गूगल या मोजिला में इसे कोई भी डाउनलोड कर ओपन कर सुविधा देख सकते हैं। एप में सीबीएसइ के सारे नोटिफिकेशन से लेकर, अटेंडेंस, परीक्षा टाइम टेबल, होम वर्क आदि को आसानी से देख सकते हैं। क्लॉस रूम में लैपटॉप व प्रोजेक्टर से टीचर पढ़ाते हैं।
सेंट्रल रूम से निगरानी
सुरक्षा और क्वालिटी एजुकेशन को लेकर प्रिसिंपल रूम के बगल में सेंट्रल मॉनिटरिंग रूम है। एक्सपर्ट यहां पूरे दिन बच्चों की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखते हैं। कैंपस के चारों ओर सीसीटीवी लगी हुई है। क्लॉस में कोई टीचर पहुंचने में एक मिनट की देरी हुई तो उसके मोबाइल पर मैसेज पहुंच जाता है। क्लॉस के वक्त अगर किसी को मिलना है तो गेट पर ऑनलाइन एंट्री करानी होती है।
डाइट चार्ट व फीडबैक
क्लॉसरूम में स्टूडेंट के लिए बकायदा डाइट चार्ट है। टिफिन में उन्हें वही चीज लानी होती है। जंक फूड पूरी तरह से प्रतिबंध है। टीचर को 24 घंटे मोबाइल पर नोटिफिकेशन देखने प्रशिक्षण दिया गया है। बच्चों के लीव एप्लीकेशन या परीक्षा के दौरान सीटिंग व्यवस्था भी ऑनलाइन है। जिसे मोबाइल पर आसानी से देखा जा सकता है।
स्कूल पर एक नजर
स्थापना-सन् 1903
कुल विद्यार्थी- 1406
टीचर- 55
क्लॉसरूम-36
हाईटेक लैब-04
कम्प्यूटर लैब-01
हेल्पडेस्क-ऑनलाइन
पढ़ाई-नर्सरी से 12वीं तक
इनका कहना है
रेलवे व आइजीसीसीआइए से ई स्कूल के लिए एक्सीलेंस एवार्ड भी मिल चुका है। बच्चों को सौ फीसदी ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया जाता है। प्रदेश का पहला ई स्कूल है। ऑनलाइन सुविधा की वजह से काफी सहूलियत होती है। बच्चों के ज्ञान में वृद्धि से लेकर टाइम मैनेजमेंट, स्टॉफ की कमी आसानी से पूरा किया जा सकता है।
– कृष्ण कुमार मिश्रा, प्रिसिंपल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे सह उच्चतर अंग्रेजी माध्यम स्कूल


