हरदा / कलेक्टर श्री ऋषि गर्ग ने जिले के विवाह में सेवा देने वाले समस्त सेवा प्रदाता जैसे प्रिंटिंग प्रेस वाले, हलवाई, केटरर, घोडी वाले, धर्मगुरू, वाहन वाले, बैंड वाले, मैरिज गार्डन वाले, ब्यूटी पार्लर वाले, समाज के मुखिया, रिश्तेदार या नातेदार सभी से अनुरोध किया हैं कि बालक बालिका की उम्र स्कूल की मार्कशीट या जन्म प्रमाण पत्र में देखकर ही अपनी सेवा दे या विवाह में सम्मिलित हो, क्योंकि बाल विवाह होने पर एक तरफ बालक बालिका की शिक्षा पर अंकुश लग जाता है, वहीं दूसरी ओर बालिका के गर्भ धारण कर लेने से जान जाने का खतरा भी रहता है। इसके अलावा जन्म लेने वाले बच्चें भी कुपोषित होने की संभावना रहती हैं।
कलेक्टर श्री गर्ग ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह, बाल विवाह की श्रेणी में आता हैं, जो अपराध है। शिकायतकर्ता बाल विवाह की सूचना ग्राम स्तर पर समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम-2015 एवं नियम 2016 के तहत् ग्राम स्तर पर गठित बाल संरक्षण समिति को अथवा संरपंच, पंचायत सचिव, वार्ड पंच समस्त, प्राधानाध्यपक स्थानीय शासकीय विद्यालय, संबंधित क्षेत्र का थाना प्रभारी आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से शिकायत कर सकते हैं। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र से विवाह की सूचना प्राप्त होने पर वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति या पार्षद संबंधित वार्ड, पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास सचिव, प्राधानाध्यापक स्थानीय शासकीय विद्यालय संबंधित क्षेत्र का थाना प्रभारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता से शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास जिला हरदा, कार्यालय परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास परियोजना टिमरनी, खिरकिया, हरदा शहरी एवं हरदा ग्रामीण हरदा परियोजना एवं 1098 चाइल्ड हेल्प लाइन में भी शिकायत कर सकते हैं।
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है