हरदा / मंगलवार को ‘‘वसुमता क्लस्टर कैम्प‘‘ का आयोजन ग्राम पंचायत हंडिया में किया गया। कैम्प में हंडिया, बागरूल, बेसवां, हीरापुर, खेडीनीमा, कोलीपुरा, रिजगांव, साल्याखेडी, सिंगोन, कांकडदा, मांगरूल, नयापुरा आदि गांव के किसान सम्मिलित हुए। कैम्प में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, सहकारिता, कृषि उपज मंडी एवं कृषि विज्ञान केन्द्र आदि के अधिकारी तथा संयुक्त कलेक्टर श्री डी.के. सिह उपस्थित थे। कैम्प में समसामायिक तकनीकी समस्याओं का निराकरण किया गया तथा आने वाले समय में रबी फसलों में कीट व्याधि नियंत्रण हेतु तकनीकी जानकारी दी गई।
वसुमता शिविर में संयुक्त कलेक्टर श्री डी.के. सिंह ने किसानों से अनुरोध किया कि, वसुमता क्लस्टर कैम्प जिला प्रशासन की एक अनूठी पहल है, किसान भाई इसका अधिक से अधिक लाभ लेवें। वसुमता क्लस्टर कैम्प में दी गई जानकारी से अन्य कृषको को भी अवगत करावें। कृषि विभाग के श्री अनिल मलगायां एवं श्री अनिल गर्ग द्वारा कृषको को विभागीय योजनाओ के संबंध में जानकारी से अवगत कराया गया।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा 2 किसानों को स्प्रिंकलर सेट राशि 12 हजार रूपये प्रति स्प्रिंकलर के मान से 24 हजार एवं 3 किसानों को 10 हजार रूपये प्रति विद्युत पंप के मान से 30 हजार रूपये का हितलाभ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत स्वीकृति पत्र प्रदान किये गये। उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री एम.पी.एस. चन्द्रावत द्वारा प्राकृतिक कृषि को अपनाने के लिए किसानों से अनुरोध किया गया। उन्होने किसानों से कहा कि अपने और अपने परिवार के लिए कम से कम 1 एकड़ से प्राकृतिक शुरूआत करें।
शिविर में कृषि वैज्ञानिक डाॅ. सर्वेश कुमार एवं डाॅ. एस.के. तिवारी ने किसानों को चने में उकठा रोग के नियंत्रण हेतु टेबुकोनाॅजाल $ सल्फर, 400 ग्राम 100-125 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करने की सलाह दी। गेहॅू में जड़माहू प्रकोप के लक्षण बताये गये तथा नियंत्रण हेतु क्लोरोपाॅयरीफास 20 ई.सी. 600 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से 100-125 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई। चने की इल्ली – इमामेक्टिन बेन्जोएट 5 प्रतिशत की 1 एकड़ के लिए 125 ग्राम पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करने की सलाह दी गई एवं बताया गया कि दूसरा स्प्रें की आवश्यकता हो तब दूसरा कीटनाशक उपयोग करें।
शिविर में पशुपालन विभाग द्वारा 370 पशुओ को एफ.एम.डी. का टीका लगाया गया तथा 3 पशुओं का उपचार किया गया। इस दौरान 2 पशु का सेक्स सोर्टेड सीमेन के माध्यम से ए.आई. की गई एवं 12 पशु पालको को दवाई वितरण की गई। शिविर में उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रधानमंत्री लघु सूक्ष्म उद्यम उन्नयन योजना तथा विभागीय योजनाओं के सं
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है