धार: माॅ पुण्य सलिला नर्मदा मैया के उतरी तट से 20 किमी की दूरी पर स्थित श्री बालीपुर धाम में जनों कार्यक्रम संपन्न हुआ ।
उल्लेखनीय है कि श्री श्री 1008 श्री गजानन जी महाराज बालीपुर धाम में (बाबा जी) ब्राह्मणो को निःशुल्क कार्यक्रम 72 वर्षों तक करते रहे ।उन्ही के पद चिन्हो पर चलते हुए परम संत श्री योगेश जी महाराज विगत 16 वर्षों से निःशुल्क कार्यक्रम करवा रहे हैं ।भारतीय संस्कृति एवं सनातन हिंदू धर्म में हमारी सबसे प्राचीनतम भाषा संस्कृत को विलुप्त होने से बचाने हेतु संस्कृत पाठ पढ़ाने हेतु भरसक प्रयास कर रहै है। यह कदम बहुत ही सराहनीय है। आध्यात्मिक ग्रंथों में जनेऊ का विशेष महत्व है।
एक तरह से ब्राह्मणों का मिलन दिवस भी हो जाता है। जनेऊ पहनने से पवित्रता का एहसास होता है । “यज्ञो परमम् पवित्रम “के तहत सोलह संस्कारों में से एक संस्कार जनेऊ संस्कार भी है। उक्त कार्यक्रम श्री योगेश जी महाराज एवम सुधाकर जी के सानिध्य में संपन्न हुआ। ऑनलाइन पंजीयन के माध्यम से लगभग 200 बटुको ने अपना पंजीयन करवाया था । वर्तमान में उपस्थित इक्यावन बटुको का यज्ञोपवीत संस्कार किया गया। अभिभावकों द्वारा यथा स्थिति देखते हुए अपने विचार प्रकट किए श्री प्रदीप शर्मा द्वारा बताया गया कि परिस्थिति को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि स्वयं परमपिता परमेश्वर बालकों का उपनयन संस्कार संपन्न करा रहे हैं। इसी प्रकार खरगोन निवासी देवेश्वर खेड़े द्वारा बताया गया कि दिव्य भूमि का विशेष महत्व है।
इसी कारण हम लोग अन्यत्र आयोजन न करते हुए अपने बच्चों का षोडश कर्म में से एक करवा रहे हैं खंडवा निवासी आदित्य शुक्ला विपिन शुक्ला ने बताया कि गुरुगादी यहीं पर है आत्मिक शांति का अनुभव होता है सिद्ध क्षेत्र होने से यहां किए गए कर्म का यथेष्ट फल प्राप्त होता है एवं जीवन सुखी बनता है। जनेऊ कार्यक्रम पंडित प्रदीप मंडलोई ,रवि शर्मा प्रधान अध्यापक , सिंनगुन वाले रवि शर्मा जी मन्त्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ। उक्त जानकारी सद्गुरु सेवा समिति के जगदीश पाटीदार अध्यापक ने दी है।
