हरदा / अपने माता-पिता की डांट से नाराज होकर गत जून माह में लगभग 13 वर्षीय एक बालक ट्रेन में बैठकर पश्चिम बंगाल राज्य के मुर्शिदाबाद से अकेले चल दिया। छोटे से लड़के को अकेले यात्रा करते देख रेल यात्रियों ने रेलवे पुलिस को सूचित किया तो हरदा में रेलवे पुलिस ने बालक को रेलवे स्टेशन पर उतार कर बाल संरक्षण इकाई के समक्ष प्रस्तुत किया। जिला बाल कल्याण समिति हरदा के आदेश से बालक को 1 जुलाई 2024 को नवजीवन बाल गृह खंडवा में प्रवेश दिलाया गया। बालक हिंदी भाषा बिल्कुल भी नहीं जानता था इस कारण बालक की काउंसलिंग एक्सपर्ट दुभाषिया के माध्यम से की गई, जिसमें बालक ने अपने आप को लालगोला पश्चिम बंगाल राज्य का निवासी बताया।
हरदा की बाल संरक्षण इकाई द्वारा बालक के माता-पिता की तलाश के संबंध में बाल संरक्षण इकाई मुर्शिदाबाद से बात की गई, जिसके माध्यम से बालक के माता पिता का मोबाइल नंबर प्राप्त हुआ उन्हें बालक को लेने आने के लिए कहा। लेकिन बालक के माता पिता अत्यंत गरीब होने से वे हरदा नहीं आ पा रहे थे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय त्रिपाठी ने बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई हरदा द्वारा उसके माता पिता की मुर्शिदाबाद से हरदा तक आने जाने की टिकिट बुक कराई। तब बालक के माता पिता उसे लेने आए। बालक ने हरदा में आये अपने माता पिता को पहचान लिया। डॉक्यूमेंट्स सत्यापन उपरान्त बाल कल्याण समिति के आदेश से बालक को माता-पिता के सुपर्द कर दिया गया। बालक अपने माता-पिता और बहन के पास चंदीपुर पैकपरा, पोस्ट राजारामपुर जिला लालगोला मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल स्थित अपने घर पहुंच गया है।