इंदौर: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी राज्य में शासित कांग्रेस के हर फैसले और कार्यप्रणाली पर पर नजर बनाए हुए है। हाल ही में कमलनाथ सरकार में मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ के हाथ में हल्के फ्रैक्चर के बाद उन्हें दिल्ली एम्स भेजे जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से पूछा है कि एसा कौन सा इलाज था जो इंदौर में नहीं हो सकता था।
सत्ता में आने के बाद से सरकारी खर्च कम किए जाने का दम भर रही प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर अब वीआईपी होने के आरोप लग रहे हैं। बता दें कि साधो इंदौर में एक कार्यक्रम के बाद पैर फिसल जाने की वजह से गिर गई थीं जिससे उनके हाथ में फ्रैक्चर हो गया था। हल्के फ्रैक्चर की जानकारी मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने खुद अपना वीडियो सोशल मीडिया में शेयर कर के दी. मंत्री साधो ने कहा कि ‘मैं ठीक ठाक हूं भइया, मुझे कुछ नही हुआ है। मामूली सा फ्रैक्चर है ठीक हो जाएगा।
बीजेपी ने उठाए सवाल

बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि ‘आदरणीय मंत्री विजयलक्ष्मी साधो को स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाओं के साथ जरूर यह सवाल उठता है मध्य प्रदेश में तमाम तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, चाहे वह कस्बा हो या शहर, और इंदौर तो वह शहर है जहां डेडीकेटेड ग्रीन कॉरिडोर बनाकर देहदान करने वालों के अंग प्रत्यारोपण का भी काम होता है। तो कम से कम मध्य प्रदेश को बदनाम करने का काम ना करें। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य की सुविधाएं भरपूर हैं और इंदौर जैसे महानगर में तो आसपास के प्रांत के लोग इलाज कराने आते हैं।’
कांग्रेस ने की बीजेपी नेता के बयान की निंदा
राज्य में शासित कांग्रेस सरकार में विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ‘जब विषय स्वास्थ्य का आता है तो उसमें कभी भी पॉलिटिक्स नहीं होनी चाहिए। हमने देखा अरुण जेटली अमेरिका गए इलाज के लिए लेकिन कांग्रेस के किसी भी नेता ने यह नहीं कहा कि देश कैसे चलेगा। जब बात स्वास्थ्य की है तो जो उनके परिवार को ठीक लगे सबको स्वीकार करना चाहिए अगर विजयलक्ष्मी साधो कहीं भी गई हों तो बीजेपी के लोगों यह कहना चाहिए कि वह जल्दी स्वस्थ हों।