हरदा. शनिवार को कोर्ट ने चार आरोपियों को सजा सुनाई।
–जिला लोक अभियोजक संजय गौर ने बताया कि अभियुक्त ममता गुप्ता ने अभियुक्त राजीव गुप्ता के साथ मिलकर 19 अगस्त 2010 से 12 मार्च 2016 के बीच में हरदा जिले की खिरकिया तहसील में विनोद के नाम से फर्जी हस्ताक्षर करके वसीयत तैयार की। इस पर आरोपी रामचरण व रेवाराम ने बतौर गवाह हस्ताक्षर किए। इस वसीयत की नोटरी रविंद्र जैन ने की। बाद में इस मामले की शिकायत श्रव्या पति ललित विपिन सेठ 37 ने निवासी गांधीनगर चेन्नई तमिलनाडू ने छीपाबड थाने में दर्ज कराई। इसमें उल्लेख किया कि विनोद गुप्ता के द्वारा फर्जी वसीयत एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर खसरा नंबर 455/12 रकबा 2250 वर्गफुट उसकी मां के नाम की जमीन प्लाॅट चाची ममता गुप्ता निवासी खिरकिया के नाम दर्ज कराकर पक्का मकान बना लिया है। छीपाबड़ पुलिस ने इस मामले में प्रकरण क्र.पुलिस ने केस दर्ज किया। 10 आरोपी बनाए।
जमीन की फर्जी वसीयत बनाने और उसे नोटराइज्ड करने के मामले में गवाह बनकर हस्ताक्षर करने वाले और उसे नोटरी करने वाले तीन आरोपियों को 7 साल के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई। एक अन्य आरोपी को एक साल की जेल व 10 हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया।
छिपाबड थाने में 76/2016 भादंवि की धारा 420, 120 बी, 465, 467, 468, 471, 474, 34 के तहत केस दर्ज किया। इसमें कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया गया। इस मामले में शनिवार को कोर्ट में निर्णय हुआ। इसमें प्रधान न्यायाधीश तृप्ति शर्मा ने 4 आरोपियों को दोषी पाया। न्यायाधीश ने आरोपी रेवाराम पिता चंदरसिंह कहार 67 साल, रामचरण पिता चंदरसिंह राठौर 67साल,नोटरीकर्ता रविंद्र पिता राजेंद्र जैन 68 साल को धारा 467 में सह पठित 120 बी में 7 साल कठोर कारावास और 10 -10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। एक अन्य आरोपी सुरेश जोशी पिता केशवलाल जोशी 51 साल को एक साल की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। मुख्य आरोपी राजीव गुप्ता ममता गुप्ता की कोरोना में प्रकरण चलने के दौरान मौत हो गई।
इनका कहना है।
उक्त प्रकरण में आज तीन आरोपियों को जिला में दाखिल किया गया। एक आरोपी बुजुर्ग है। बीमार होने की स्थिति में न्यायालय से ही जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। कल मेडिकल जांच के बाद स्वास्थ की स्थिति को देखकर आगे की कार्यवाही करेगे।
के के रावत जेलर जिला जेल हरदा


