प्रयागराज: प्रयाग कुंभ मेले के दूसरे प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान करना शुरु कर दिया है। मोक्ष की कामना के साथ संगम की रेती पर सोमवार को आस्था का समंदर हिलोरें मार रहा है। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट व प्रयाग में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाना शुभ और पवित्र माना जाता है। प्रशासन ने 55 से 75 लाख श्रद्धालुओं के गंगा में डुबकी लगाने का अनुमान लगाया है।कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने संवाददाताओं को बताया कि सोमवार के स्नान के लिए हमने यातायात और पैदल मार्ग के लिए व्यवस्था बेहतर की है। सुरक्षा व्यवस्था और दुरुस्त की गई है। अधिकारियों की ड्यूटी बढ़ा दी गई है एवं दमकल और मेडिकल टीम को सतर्क किया गया है।
उन्होंने बताया कि सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान पर 55 से 75 लाख स्नानार्थियों के आने का अनुमान है। 4 से 5 किलोमीटर के दायरे में 35 घाट बनाए गए हैं। वहीं, कल्पवासियों के तुंबुओं के लिए 1,000 बीघा जमीन आवंटित की गई है और पिछले कुंभ के मुकाबले सुविधाएं 4 गुना बढ़ाई गई हैं। आनंद ने बताया कि श्रद्धालुओं को जगह ढूंढने में आसानी हो, इसके लिए मेला क्षेत्र में 700 जगहों पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं। कल्पवासी इस मेले के केंद्र में रहते हैं और प्रशासन उन्हें हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने को कटिबद्ध है।उल्लेखनीय है कि पौष पूर्णिमा से ही कल्पवासी मेला क्षेत्र में महीने भर का प्रवास करते हैं और कल्पवासी गंगा में स्नान के साथ महीने भर कल्पवास का संकल्प लेते हैं।