बेंगलुरु: अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वी. के. शशिकला का यहां की जेल में विशेष सुविधाएं दी गईं, जहां वह भ्रष्टाचार मामले में सजा काट रही हैं। आरटीआई से प्राप्त जवाब में इस बात का खुलासा हुआ। आरटीआई कार्यकर्त्ता नरसिम्हा मूर्ति ने बताया कि 295 पन्ने की रिपोर्ट में तत्कालीन डीआईजी (जेल) डी. रूपा के जुलाई 2017 के दावों की पुष्टि हुई कि परापना अग्रहरा केंद्रीय कारागार में शशिकला को विशेष सुविधाएं दी गईं और उन्हें अलग रसोईघर मुहैया कराया गया था। उन्होंने कहा कि आरटीआई के माध्यम से मैंने 295 पन्नों की रिपोर्ट देखी है। रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि होती है कि शशिकला को जेल में विशेष सुविधाएं दी गईं।
शशिकाल को हालांकि एक ही कमरा दिया गया लेकिन उनके कमरे के साथ लगते चार कमरे भी खाली करा दिए गए। उन कमरों में जो कैदी थे उनको दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। गृह विभाग की जनसंपर्क अधिकारी एम.आर. शोभा ने आरटीआई का जवाब मुहैया कराया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रूपा ने कहा कि उनके रूख की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि यह मामला जेल सुधारों का आधार बन सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी रिपोर्ट में जो बातें कही थीं वहीं चीज है और यह स्वतंत्र जांच समिति थी…मेरे रूख की पुष्टि हुई है और इसके लिए मैं खुश हूं। आईपीएस अधिकारी ने कहा कि उनके प्रयास और संघर्ष के कारण आरटीआई के माध्यम से रिपोर्ट सार्वजनिक हुई।
गौरतलब है कि मुद्दा गरम होने के बाद तत्कालीन सिद्धारमैया सरकार ने रूपा के आरोपों की जांच सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विनय कुमार से कराने के आदेश दिए थे। रूपा ने डीजीपी (जेल) एच. एन. सत्यनारायण राव को रिपोर्ट सौंपकर आरोप लगाए थे कि इस तरह की ‘‘चर्चा’’ है कि शशिकला को विशेष सुविधाएं देने के लिए दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी। इसमें राव पर भी रिश्वत लेने के आरोप लगे, जिसका राव ने खंडन किया था। इस मुद्दे के कारण सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी जिसके बाद रूपा और राव दोनों का स्थानांतरण कर दिया गया।
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है