हिसार: हिसार के सारंगपुर गांव के विकास ज्याणी ने पायलट बनते ही अपना व गांव के बुजुर्गों का सपना पूरा कर दिया। विकास ने गांव के बुजुर्गों को वायदा किया था कि अगर उसकी पायलट की नौकरी लगती है तो वे गांव के बुजुर्गों को उपने खर्चे पर हवाई सफर करवाएगा। विकास की कड़ी मेहनत रंग लाई और वे पायलट लग गया। अपना वायदा पूरा करते पुए उसने बुजुर्गों को हवाई जहाज में सफर करवायाऔर दर्शनीय स्थलों के दर्शन करवाए।
जानकारी के मुताबिक विकास ने बुजुर्गों से वादा किया था कि उसकी नौकरी लगने के बाद वो सभी बुजुर्गों को हवाई जहाज में जरूर घूमा कर लाएगा। अब नौकरी लगते ही विकास ने गांव के बुजुर्गों को इंडिगो हवाई जहाज में 3 अक्टूबर को दिल्ली से लेकर गए और अमृतसर गए। यहां पर पांच अक्टूबर तक स्वर्ण मंदिर, बाघा बॉर्डर समेत कई जगहों पर बुजुर्गों को घुमाया और पांच अक्टूबर को वापस लौट आए।
हिसार से करीब 15 किलोमीटर दूर सारंगपुर गांव है। ग्रामीण क्षेत्र के इन बुजुर्गों को अब यह सपना हकीकत में बदलने के बाद खुशी के मारे फूले नहीं समा रहे है। यहां पर गांव के 70 साल से ज्यादा उम्र के 22 महिला और पुरुषों को हवाई जहाज में यात्रा करवाई और सारा खर्च भी विकास ने उठाया।
बुजुर्गों को प्लेन में सफर कराना किसी तीर्थ से कम नहीं
विकास के पिता महेंद्र ज्याणी ने कहा कि बुजुर्गों को प्लेन में सफर कराना किसी तीर्थ से कम नहीं है। बेटे ने नेक काम किया है। 90 वर्षीय जीता देवी ने कहा कि, उन्होंने कभी ऐसी चीज का सपना तक देखा नहीं था। बहुत से लोग बुजुर्गों से वादे करते हैं लेकिन कुछ लोग अपने बचन पर कायम रहते हैं। 78 वर्षीय राममूर्ति औऱ 78 वर्षीय कांकरी ने कहा कि, यह उनकी जिंदगी का सबसे शानदार अनुभव था। उन्होंने साथ के लोगों की भी प्रशंसा की जिन्होंने उन्हें फ्लाइट में मदद की

कभी नहीं सोचा था कि हवाई जहाज का सफर करेंगे
दिल्ली से अमृतसर की यात्रा करने वाले लोगों में 90 वर्षीय जीता देवी, 82 वर्षीय बिमला, 78 वर्षीय राममूर्ति, 78 वर्षीय कांकरी, 75 वर्षीय गिरदावरी, 80 वर्षीय अमर सिंह, 75 वर्षीय सुरजाराम, 75 वर्षीय खेमाराम, 72 वर्षीय आत्माराम, इंद्र, जगदीश, सतपाल शामिल है। उन्होंने बताया कि, उनके लिए ये सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि, वह हवाई जहाज का सफर करेंगे।

