लोकसभा चुनाव से पहले भले ही विपक्षी दल एक मंच पर एकत्रित होकर मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोल रहे हैं। लेकिन सभी दलों में प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए अभी भी सहमति नहीं हो पाई है। सभी नेता सबसे आगे दिखाने की कोशिश में जुटे हैं। वहीं इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी की रेस में खुद को आगे बताया है।
एक चैनल से बातचीत में सिन्हा ने दावा किया कि उनके पास अगले पांच साल में अर्थव्यवस्था को वापस ढर्रे पर लाने, रोजगार के मौके पैदा करने का प्लान है। उन्होंने कहा कि देश में समस्या करोड़ों नौकरियों और लाखों किलोमीटर सड़कों के निर्माण की नहीं है। भारत को एक ऐसे नेता की जरूरत है जो खेती-किसानी को मुनाफे वाला बना सके और सिंचाई परियोजनाओं, टाउनशिप और उद्योगों को स्थापित कर सके।
भाजपा के पूर्व नेता ने कहा कि हम हर साल 1.2 करोड़ नौकरियां नहीं बल्कि दो करोड़, तीन करोड़ नौकरियां पैदा करेंगे। लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे हैं, यही समस्या है। इसलिए हमें किसी ऐसे व्यक्ति को ढूंढना होगा जो ये करने के लिए तैयार है।

वहीं नितिन गडकरी के पीएम बनने के सवाल पर सिन्हा ने कहा कि उनके लिए नरक में भी कोई उम्मीद नहीं है। मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह बीजेपी में काफी ऊपर हैं। वहीं अगर पार्टी चुनाव में हार भी जाती है जो पार्टी का टॉप नेतृत्व इन्ही के हाथ में रहेगा। यशवंत सिन्हा का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि ममता की महारैली के बाद बीजेपी और उनके सहयोगी दल विपक्षी एकुजटता पर पीएम उम्मीदवार का नाम पूछकर टिप्पणी कर रहे हैं।