मदन गौर हरदा /बालागॉव ।
बालागांव में बैंक नहीं होने के कारण ग्रामीणों समेत आसपास के 25 स्कूलों के गांव के लोग और स्कूली बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसके चलते उन्हें बैंकों के कार्यों के लिए करीब 15 किलोमीटर दूर हरदा जाना पड़ता है ग्रामीण लंबे समय से बैंक खोलने की मांग कर रहे हैं लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है बालागाँव क्षेत्र के ग्रामीणों को बैंकिंग कार्य के लिए भटकना पड़ता है गांव में बैंक नहीं है इसके चलते यह परेशान हो रहे हैं गांव की आबादी करीब 4000हजार है प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत ग्रामीणों के बैंक खाते तो खोल दिए गए हैं लेकिन बैंक नहीं होने से दिक्कत आ रही है ग्रामीण राशि की निकासी और जमा करने हरदा के चक्कर लगाने को मजबूर है छोटे से छोटे कामों के लिए ग्रामीणों को करीब 15 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है वहीं नियमों की बात करें तो 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक होना अनिवार्य कर दिया है
क्षेत्र के किसानों को होता है करोड़ों का भुगतान
गांव की सेवा सहकारी समिति शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं समेत अन्य फसलों की खरीदी की जाती है ग्रामीण सुनील पटेल नंद किशोर पटेल ने बताया कि मुख्य सेवा सहकारी समिति से बालागाँव बूदड़ा नकवाडा़ कनारदा झुण्डगाँव गाँव जुड़े है इसके साथ दो केंद्र कनारदा और नाकवाड़ा में बनाए गए हैं मुख्य केंन्द की सारी गतिविधियां बालागाँव यही से संचालित होती है यहां करीब 55000 हजार कुन्टल गेहूं तुलता है किसानों को करोड़ों रुपयों का भुगतान होता है इसके बावजूद बैंक शाखा तक नहीं है।
एक एटीएम वह भी एक शाल से बंद है।

ग्रामीणों की जरूरतों को देखते हुए बैंक खोलने की मांग की लेकिन अब तक सिर्फ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एटीएम बनाया है ग्रामीण प्रभु पटेल ने बताया कि हमने तो बैंक खोलने की मांग की थी लेकिन जिम्मेदारों ने बैंक की बजाय एटीएम बना दिया है गांव का एटीएम तो लगभग कई दिनों से बंद पीड़ा हुआ है मात्र एटीएम शो पीस बना हुआ है इससे सभी ग्रामीणों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
58 स्कूलों का संकुल केंद्र है बालागाँव
बालागाँव शिक्षा विभाग के लिहाजा से भी अहम है यह मुख्य केंद्र है जिसने 25 गांव जुड़े हैं क्षेत्र में 58 से अधिक स्कूल हैं इनमें लगभग पाँच हजार से अधिक छात्र पढ़ते हैं जिनके छात्रवृत्ति स्कूल ड्रेस साइकिल समेत विभिन्न योजनाओं की राशि भी विद्यार्थियों के खाते में आती है ऐसे में विद्यार्थी और उनकी पलकों को राशि निकालने के लिए भटकना पड़ता है और जिले की ओर भागना पड़ता है ग्रामीणों ने जल्द से जल्द बैंक खोलने की मांग की है लेकिन बैंक तो बैंक दूर जो एटीएम खुला है वह भी कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है बैंक नहीं होने के कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना उठाना पड़ता है