देश भर में स्वाइन फ्लू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। राजस्थान के 31 जिले इसकी चपेट में आ चुके हैं। राज्य में स्वाइन फ्लू से दो और मरीजों की मौत होने के साथ ही इस साल बीमारी से मरने वालों की संख्या 54 हो गयी है। सरकार ने स्वाइन फ्लू के खिलाफ अभियान भी शुरू का दिया है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि राज्य में स्वाइन फ्लू की समीक्षा के लिए 21 से 23 जनवरी तक विशेष सघन अभियान चलाया जा रहा है। इस साल राज्य में अब तक कुल 5367 नमूने लिए गए जिनमें से 1233 नमूने पाजिटिव पाए गए 1 से 21 जनवरी तक 54 मौत हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्वाइन फ्लू पर काबू पाने व इससे निपटने के सभी उपाय कर रही है।
क्या है मौसमी इन्फ्लुएंजा एच1एन1 (स्वाइन फ्लू)

- एच1एन1 मौसमी इन्फ्लुएंजा एक प्रकार का स्वंय-सीमित वायरल रोग है। यह श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। यह कण और हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं। अगर संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया गया हो तो दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकते हैं।
- लक्षण : बुखार एंव खांसी, गला खराब, नाक बहना या बंद होना, सांस लेने में तकलीफ एवं अन्य लक्षण जैसे बदन दर्द, सिर दर्द, थकान, ठिठुरन, दस्त, उल्टी, बलगम में खून आना इत्यादि भी हो सकते हैं।
- माइल्ड स्वाइन फ्लू के लक्षण : बुखार, खांसी, सर्दी, शरीर में दर्द होना व थकान महसूस होना (माइल्ड स्वाइन फ्लू का इलाज लक्षणों पर आधारित होता है, ऐसे लक्षणों में टेमीफ्लू दवा लेने की या जांच की जरूरत नही होती)
- मॉडरेट स्वाइन फ्लू के लक्षण : इस श्रेणी के मरीजों में माइल्ड स्वाइन फ्लू के लक्षणों के अतिरिक्त तेज बुखार और गले में तेज दर्द होता है या मरीज में माइल्ड स्वाइन फ्लू के लक्षणों के साथ, निम्नलिखित हाई रिस्क कंडीशन है तो रोगी को स्वाइन फ्लू की दवा टेमीफ्लू दी जाती है।
ऐसे रहें सतर्क
- खांसने और छींकने के दौरान अपनी नाक व मुंह को कपड़े अथवा रुमाल से अवश्य ढकें
- अपने हाथों को साबुन व पानी से नियमित धोयें
- भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें
- फ्लू से संक्रमित हों तो घर पर ही आराम करें
- फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से एक हाथ तक की दूरी बनाए रखें
- पर्याप्त नींद और आराम लें
- पर्याप्त मात्रा में पानी/तरल पदार्थ पियें और पोषक आहार खाएं
- फ्लू से संक्रमण का संदेह हो तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।