उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में चार दोषियों की जमानत मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि उनको दोषी करार दिए जाने पर संदेह है। इस मामले में अभी बहस की गुंजाइश है, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ ने उमेश भाई सुराभाई भारवाड़, राजकुमार, पद्मेंद्र सिंह जसवंत सिंह राजपूत और हर्षद उर्फ मुंगडा जिला गोविंद छाड़ा परमार की जमानत मंजूर कर ली। मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने माया कोडनानी को बरी कर दिया था। वहीं बाबू बजरंगी की सजा को बरकरार रखा गया।
नरसंहार की यह घटना गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में हुये अग्निकांड के एक दिन बाद की है। इस घटना में अहमदाबाद के नरोदा पाटिया क्षेत्र में 28 फरवरी 2002 को भीड़ ने 97 लोगों की हत्या कर दी थी। गुजरात उच्च न्यायालय ने पिछले साल 20 अप्रैल को इस मामले के 29 आरोपियों में से 12 को दोषी ठहराया था और भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोदनानी सहित 17 अन्य को बरी कर दिया था। निचली अदालत ने सभी 29 आरोपियों को दोषी ठहराया था।
