आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से जुड़े लोन केस में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही सीबीआई ने मुंबई और औरंगाबाद में वीडियोकॉन के मुख्यालयों पर छापे भी मारे हैं. इस पूरे मामले में चंदा कोचर की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।
क्या है पूरा मामला?
वीडियोकॉन ग्रुप की पांच कंपनियों को आईसीआईसीआई बैंक ने अप्रैल 2012 में 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया था। ग्रुप ने इस लोन में से 86% यानी 2810 करोड़ रुपए नहीं चुकाए। इसके बाद लोन को 2017 में एनपीए घोषित कर दिया गया। लोन स्वीकृत करने वाली कमेटी में चंदा कोचर शामिल थीं। चंदा कोचर पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप है। उनके खिलाफ आरोपों की जांच चल रही है। यह आरोप भी है कि लोन लेने के 6 महीने बाद वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स में निवेश किया था।
आरोप है कि इस तरह चंदा कोचर ने अपने पति की कंपनी के लिए वेणुगोपाल धूत को लाभ पहुंचाया था। साल 2018 में यह खुलासा होने के बाद चंदा कोचर को बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था। सीबीआई ने पहले फरवरी, 2018 में इस मामले में प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी जिसके बाद अब जांच एजेंसी ने एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश जारी कर दी है. वीडियोकॉन को लोन देने के मामले में चंदा कोचर की भूमिका पर भी सवाल हैं, ऐसे में एफआईआर दर्ज होने के बाद उनकी व परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।


