भोपाल: सालों बाद सत्ता से बाहर हुई भाजपा नेताओं का बंगला से मोह छूटने का नाम ही नहीं ले रहा है। अल्टीमेटम के बावजूद भी नेता बंगला नही छोड़ रहे हैं। जिसके चलते कमलनाथ सरकार के मंत्री-विधायक कहीं विश्राम गृह से काम चला रहे हैं, तो कहीं अपने पुराने और छोटे सरकारी आवास में अफसरों के साथ बैठक कर रहे हैं। हालांकि सकार बने हुए एक महिने से ज्यादा हो गया है, लेकिन मंत्री विधायकों की बंगले की आस अब भी अधूरी है। खास बात ये है कि इन भाजपा नेताओं को सरकार द्वारा भी नोटिस भेजा जा चुका है। बावजूद इसके बंगले खाली नहीं हुए है। ऐसे में अब सियासत गर्मा गई है कांग्रेस नेताओं का गुस्सा फूटने लगा है
दरअसल, शिवराज सरकार में जनसंपर्क मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा का बंगला नं डी-13 कमलनाथ सरकार में खेल मंत्री जीतू पटवारी को आवंटित हुआ था, लेकिन नरोत्तम मिश्रा ने फिलहाल बंगला खाली नहीं किया है। 74 बंगले का बंगला नं बी-8 वित्त मंत्री तरुण भनोट को आवंटित हुआ था, इस बंगले में फिलहाल पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान रह रहे हैं। शिवराज सिंह प्रोफेसर कॉलोनी स्थित विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बंगले में शिफ्ट होने से पहले तक इस बंगले में ही रहेंगे। खाद्य मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर को 74 बंगले का बंगला नं बी-31 आवंटित हुआ था, इस बंगले में अभी तक प्रभात झा रह रहे थे। प्रभात झा का इरादा फिलहाल बंगला खाली करने का नहीं है, लिहाजा मंत्री रेस्ट हाउस में रहने को मजबूर हैं। वही कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को 4 इमली स्थित पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का बंगला पसंद आया था। लेकिन भूपेंद्र सिंह का भी फिलहाल बंगला खाली करने का इरादा नहीं है, ऐसे में सिंधिया अभी तक बंगले के लिए भटक ही रहे हैं। इसी तरह पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान का बंगला मंत्री उमंग सिंघार को आवंटित हुआ था लेकिन ये बंगला भी खाली नहीं हुआ।

इनके पास नहीं रहेंगे बंगले
लिंक रोड पर बी-10 बंगला अब कैलाश विजयवर्गीय के पास नहीं रहेगा, क्योंकि वे अब विधायक नहीं हैं। यह बंगला महिला एंव बाल विकास मंत्री इमरती देवी को आवंटित किया गया है। चुनाव नहीं लड़ने वाले गौरीशंकर शेजवार, कुसुम सिंह मेहदेले, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और नंदकुमार सिंह चौहान को भी बंगले छोड़ने पड़ेंगे। वहीं विधायक मीना सिंह वाला बंगला मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर को आवंटित किया है। ज्योतिरादित्य को भी बंगले का इंतजार सिंधिया सिंधिया ने भाजपा सरकार से 23 मई 2018 को बंगला मांगा था। आवेदन में सांसद होने का हवाला देकर आवास मांगा था। अब सिंधिया को पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह वाला बंगला (बी-17) पसंद आया है। चर्चा है कि वे इसी बंगले में जाना चाहते हैं, लेकिन अभी उन्हें बंगला आवंटित नहीं हुआ है। फिलहाल बंगला सिंह के पास ही है।
कार्रवाई की तैयारी में सरकार
बीते दिनों कमलनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद विधानसभा सचिवालय द्वारा हारे हुए 119 विधायकों को बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। इसके लिए उन्हें तीन दिन का अल्टीमेटम भी मिला था, लेकिन बावजूद इसके बंगले खाली नहीं किए गए है, जिसके कारण अब तक कई मंत्रियों-विधायकों को बंगले नही मिल पाए है। बंगलों पर अब भी कई बीजेपी नेताओं ने कब्जा जमा रखा है। हालात ये हैं कि कमलनाथ सरकार के मंत्री कहीं विधायक विश्राम गृह से काम चला रहे हैं तो कहीं अपने पुराने और छोटे सरकारी आवास में अफसरों के साथ बैठक कर रहे हैं। हालांकि बीते दिनों गृह विभाग के अफसरों ने इन बंगलों पर नोटिस भी भेजा था बावजूद इसके बंगले खाली नहीं हुए है। खबर है कि अब सरकार ऐसे नोटिस की तैयारी कर रही है, जिसके बाद भी अगर बंगला नहीं खाली किया गया तो भाजपा नेताओं से 10 गुना ज्यादा किराया वसूला जाएगा। सरकार के बंगला आवंटन और आवंटन रद्द करने के अपने नियम हैं, उस नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।