भोपाल: राहुल गांधी ने एमपी में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि ‘अगर मध्य प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो वो सबसे पहला काम किसानों की कर्जमाफी का करेंगे’ और शायद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के पीछे कहीं न कहीं उनका यही वादा था। लेकिन अब लग रहा है यह वादा सिर्फ वादा ही रह जाएगा। मध्य प्रदेश के किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। प्रदेश की जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत चल रही आवेदन (फॉर्म) भराने की प्रक्रिया के दौरान चौंकाने वाली शिकायतें सामने आ रही हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, एमपी में अब तक कर्जमाफी की 25 हजार से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं। कर्जमाफी का फॉर्म भराने की प्रक्रिया प्रदेश में 15 जनवरी से चल रही है। इसके लिए सभी पंचायतों में कर्जदार किसानों की सूची लगाई गई है। जिन किसानों ने कर्ज लिया ही नहीं, उनके नाम भी कर्जदारों की सूची में सामने आए हैं। सागर जिले में बिना कर्ज लिए पांच लाख रुपये से ज्यादा कर्ज लेने की बात सामने आने पर सरदई गांव के आदिवासी मुंकुंदी (65) को सदमा लगा और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद सरकार हरकत में आई है और फर्जी तरीके से कर्ज लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है।
सरकार ने किसानों की बढ़ती शिकायतों को ध्यान में रखते हुए नियंत्रण कक्ष बनाया है, जहां उनकी शिकायतें सुनी जाएंगी। हाल ही में खबर आई थी कि किसानों के मात्र 30, 60 रुपए के कर्ज माफ किए जा रहे हैं। किसान कह रहे हैं, कमलनाथ सरकार ने हमें ठगने का काम किया है।
