पोलायकलां: देश को आजाद हुए बेशक 70 वर्ष से अधिक हो गए हो। किंतु आज भी देश के नागरिक तो दूर सरकार के नुमाइंदों को यह तक नहीं पता कि तिरंगे का सम्मान कैसे किया जाता है।ध्वारोहण कैसे किया जाता है। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले की पोलायकलॉ तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत मकोड़ी में देखने को मिला।
कार्यकर्ता राधिका बामनिया ने अतिथियों के सामने ही उल्टा झंडा फहरा दिया और झंडे को लावारिस की तरह छोड़ दिया। जब मीडिया की टीम आंगनवाड़ी केंद्र 2 पर पंहुची तो देखा कि उल्टा झंडा एक तिरछे बांस में अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है तथा केन्द्र पर ताला लगा हुआ है। जैसे ही कार्यकर्ता को मीडिया के पंहुचने की खबर मिली वह अपनी बहन के साथ आंगनबाड़ी केंद्र पंहुच गई। जब राधिका से उल्टे झंडे के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि मुझे नहीं पता कि ध्वजारोहण कैसे किया जाता है। राधिका की बहन ने झंडा उतार दिया व बांस को साइड पर पटक दिया।
इस बारे में जिला परियोजना अधिकारी डी एस जादौन से फोन पर इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर किसी भी प्रकार के ध्वजा रोहण के आदेश नहीं दिए गए थे। अगर कार्यकर्ता द्वारा ऐसा किया गया है तो गंभीर लापरवाही है। अब मामला संज्ञान में आया है जिस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
