नई दिल्लीः पिछले 9 दिन से अपनी मांगे मनवाने के लिए हरिद्वार से चलकर आए किसानों को आज दिल्ली तक पहुंचने के लिए कापी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। किसानों को रोकने के लिए गाजीपुर में ही माहौल तनावपूर्ण बन गया। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा रखे थे, लेकिन किसान फिर बी न रुके, थक हारकर सरकार को किसानों के जज्बे के आगे घुटने टेकने पड़डे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने खुद किसानों से फोन पर बात की और उनकी समस्याएं सुनीं। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने राजनाथ सिंह के साथ बैठक के बाद कहा कि सरकार ने हमारी 4-5 मांगों को मान लिया है। इनमें मुख्य रूप से चार बातों को मान लिया गया है।
Home Minister Rajnath Singh met the farmer’s leaders and discussed their demands and have reached an agreement on the majority of the issues. Farmers’ leaders, UP ministers Laxmi Narayan ji, Suresh Rana ji & I will go to meet farmers now: MoS Agriculture Gajendra Singh Shekhawat pic.twitter.com/fZvdjMuhY8
— ANI (@ANI) October 2, 2018
1. कृषि उपकरणों को GST के 5 फीसदी दायरे में रखा जाएगा।

2. डीजल से चलने वाले पुराने ट्रैक्टरों पर से NGT का बैन हटा दिया जाएगा।
3. एमएसपी मामले पर ये सहमति बनी है कि किसानों के उत्पाद को कम कीमत या गलत तरीके से बेचने पर रोक के लिए सरकार कानून लाएगी।
4. फसल बीमा
हालांकि, अभी किसानों की कर्ज माफी और स्वामीनाथन रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने पर सहमति नहीं बन पाई है। किसान नेता ने बताया कि हम इस प्रस्ताव को लेकर लोगों के पास जाएंगे, अगर वो इसे नहीं मानते हैं तो आंदोलन जारी रहेगा। कर्जमाफी और बिजली बिल के दाम करने जैसी मांगों को लेकर किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से आरंभ हुई थी। जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान सोमवार (1 अक्टूबर) को गाजियाबाद तक पहुंच गए। जहां इन किसानों को रोक दिया गया।
आपको बता दें कि किसानों द्वारा निकाले जा रहे रोष मार्च को लेकर दिल्ली में पुख्ता प्रबंध किये गए थे, यहां तक कि धारा 144 भी लागू करवा दी गई थी, वहीं इस पर किसान यूनियन के नेता नरेश टिकेत ने कहा कि दिल्ली में इतने सुरक्षा प्रबंध क्यों किये जा रहे हैं। हम किसान हैं या फिर बांग्लादेशी या आतंकी।

