नई दिल्लीः लोकपाल बिल को लेकर आवाज उठाने वाले अन्ना हजारे के तेवर मोदी सरकार के लिए नरम पड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। अन्ना हजारे ने लोकपाल बिल को लेकर करने वाली भूख हड़ताल को रद्द कर दिया है। अन्ना हजारे ने एेलान किया था कि वो किसानों की मांग को लेकर मोदी सरकार का घेराव करेंगे और अनिश्चितकाल के लिए भूख हड़ताल करेंगे, लेकिन अन्ना हजारे ने अपना इरादा बदल दिया है और अब वो भूख हड़ताल नहीं करेंगे। बताया जा रहा है कि अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन से बात की है और उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी मांगे पूरी की जाएंगी और लोकपाल बिल पर काम किया जा रहा है। इसी के चलते अन्ना ने अपनी भूख हड़ताल रद्द की है।
Anna Hazare who was scheduled to go on hunger-strike from today postpones the agitation after talks with Maharashtra minister Girish Mahajan. He was to sit on hunger over demand for appointment of Lokpal and welfare measures for farmers. pic.twitter.com/pf8IFdlGQc
— ANI (@ANI) October 2, 2018
अन्ना हजारे ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार ने लोकपाल को लागू करने की तरफ पॉजिटिव अप्रोच के साथ काम किया है, उन्होंने इसके लिए सर्च कमेटी भी बनाई है। इसके अलावा किसानों के मुद्दे पर अन्ना ने कहा कि सरकार की ओर से MSP बढ़ाकर इस तरफ कदम बढ़ा दिए गए हैं।
आपको बता देंकि अन्ना हजारे ने घोषणा की थी कि वह गांधी जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर से रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिसके चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
आपको बता दें कि सोमवार तक अन्ना कह रहे थे कि मोदी सरकार लोकपाल आंदोलन के कारण ही केन्द्र की सत्ता में आई, लेकिन अभी तक लोकपाल को लागू नहीं किया है। हजारे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पिछले चार साल में सरकार टाल-मटोल का रवैया अपनाती रही और लोकपाल या लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की। हजारे ने लिखा था, ‘‘लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिये 16 अगस्त, 2011 को समूचा देश सड़कों पर उतर आया था… आपकी सरकार इसी आंदोलन की वजह से सत्ता में आई।’’उन्होंने कहा, ‘‘चार साल बीत गए लेकिन सरकार किसी न किसी कारण से लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति टालती रही।


