गुजरात से उत्तर भारतीयों के पलायन के पीछे कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर का नाम सामने आ रहा है। हालांकि, वह इन आरोपों को खारिज करते आ रहे हैं। इसी बीच अल्पेश गुरुवार को एक दिवसीय सदभावना उपवास पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि वह इसके बाद बिहार और उत्तर प्रदेश समेत सभी राज्यों में भी एक एक दिन के प्रतीकात्मक सद्भावना उपवास पर बैठेंगे, ताकि गुजरात की छवि को पहुंचे नुकसान की भरपायी हो सके।
गुजरात की छवि नहीं होने देंगे खराब
बिहार में कांग्रेस के सह प्रभारी ठाकोर ने कहा कि उनके लिए सबसे ऊपर देश और गुजरात की छवि है। वह और उनके जैसे नेता आते-जाते रहेंगे, पर गुजरात की छवि को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। इस मामले में राजनीति भी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राणिप इलाके में उपवास से पहले निकटवर्ती साबरमती आश्रम का दौरा भी किया।
गुजरात में यूपी बिहार के लोगों पर हमला
गौरतलब है कि राज्य में गत 28 सितंबर को उत्तरी जिले साबरकांठा के ढुंढर गांव में 14 माह की एक बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में बिहार के मूल निवासी एक मजदूर की धर-पकड़ के बाद से उत्तर गुजरात और मध्य गुजरात में गैर गुजरातियों पर हमले और उन्हें धमकाने की कम से कम 60 घटनाएं हुई हैं और इस सिलसिले में साढ़े पांच सौ से अधिक लोगों को पकड़ा गया है।
ठाकोर ने मेल-मिलाप के लिए रखा उपवास
इस हिंसा में ठाकोर के कुछ करीबी लोग और उनके संगठन के कई सदस्य भी शामिल हैं। पहले वह आठ अक्टूबर से पीड़ित बालिका को न्याय दिलाने के लिए अनिश्चितकालीन सद्भावना उपवास करने वाले थे, पर हिंसा के बाद बदले दृश्य में उन्होंने गुजरात की छवि सुधारने और गैर गुजरातियों तथा गुजरातियों के बीच मेल-मिलाप को लेकर एक दिन का सांकेतिक उपवास किया है।
