जहां भारत ने रूस के साथ एस-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने का समझौता किया, वहीं अब ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद उससे कच्चा तेल खरीदना अमेरिका को नागवार गुजर रहा है। इसके चलते ट्रम्प ने पूरी दुनिया को अपने लपेटे में ले लिया है। उन्होंने सारे देशों को धमकाते हुए कहा है कि दम है तो 4 नवंबर के बाद कोई देश ईरान से कच्चा तेल खरीदकर देखे। अगर कोई एेसा करता है तो अमेरिका की तरफ से सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने ईरान से कच्चा तेल आयात को लेकर चेतावनी देते हुए कहा है कि 4 नवंबर तक ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाकर शून्य नहीं करने वाले ‘देशों को भी अमेरिका देखेगा’। गौरतलब है कि भारत और चीन जैसे देशों के ईरान से तेल आयात जारी रखने के बारे में पूछे जाने पर ट्रम्प ने कहा कि हम उन्हें देख लेंगे जो ईरान से कच्चा तेल खरीद रहे हैं।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस से पांच अरब डॉलर के सौदे में एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली खरीदने पर भारत के खिलाफ अमेरिकी कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई होती है अथवा नहीं, इसके बारे में जल्द स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। ट्रम्प ने मई में अमेरिका को 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाए।
अमेरिका ने अपने विरोधियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के लिये ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट’ (काट्सा) कानून बनाया है। इसके तहत रूस के साथ हथियार सौदे पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को छूट देने का अधिकार केवल राष्ट्रपति के ही पास है। पांच बिलियन डॉलर की इस मेगा डिफेंस डील पर अमेरिका काटसा प्रतिबंध (काउंटरिंग अमेरिकन एडवर्सरीज थ्रू सैंकशन्स- CAATSA) लगा सकता है। पिछले महीने अमेरिका ने चीन पर यही बैन लगाया था। तब चीन ने रूस से लड़ाकू विमान और मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा था।
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चौधरी मोहन गुर्जर, मध्यप्रदेश के ह्र्दयस्थल हरदा के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार है, आप सतत 15 वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें देते आ रहे है, आपकी निष्पक्ष और निडर लेखनी को कई अवसरों पर सराहा गया है