नवरात्र के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इन्हें मां दुर्गा का तृतीय यानि तीसरा स्वरूप माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार नवरात्रों में मां की किसी भी स्वरूप की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की पूजा का बहुत महत्व माना जाता है। इसलिए इस दिन मां की पूजा करने से पहले श्रीगणेश की आराधना अवश्य करें।मां के तीसरे रूप चंद्रघंटा की उपासना से भय का नाश होता है और साहस की प्राप्ति होती है। देवी चंद्रघंटा का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनका ध्यान करने से लोक और परलोक दोनों में सद्गति प्राप्त होती है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्र होने की वजह से ही इन्हें चंद्रघंटा कहा गया है। आइए अब जानते हैं नवरात्रओं में पढ़ा जाने वाली मां का अचूक मंत्र, जिसके जाप मात्र से व्यक्ति को अपने कर्जों से छुटकारा मिल जाता है।
मां चंद्रघंटा का ऋणमुक्ति मंत्र-
दारिद्रय दुःख: भय हरिणी का त्वदन्या।
सर्वोपकार करणाय सदार्दचिता।।जो इंसान मन, वचन और कर्म के साथ ही काया को विहित विधि-विधान के अनुसार परिशुद्ध-पवित्र करके चंद्रघंटा के शरणागत होकर इस मंत्र से उनकी उपासना-आराधना करता है, उसके सारे कष्टों का नाश हो जाता है।
इसके अलावा कुछ ज्योतिष उपाय अपनाएं जाएं तो साधक को ऋणमुक्ति मिलती है। यहां जानें कौन से हैं ये अचूक उपाय-
कमल गट्टे को पीस कर उसमें देसी घी की सफ़ेद बर्फी मिलाएं और हवन में 21 बार उसकी आहुति देें। ज्योतिष के अनुसार कच्चे आटे की लोई में गुड़ भरकर पानी में बहाने से भी कर्ज़ों से छुटकारा मिलता है। सफ़ेद कपड़े में पांच गुलाब के फूल, चांदी का टुकड़ा, चावल और गुड़, सफ़ेद कपड़े में रखकर 21 बार गायत्री मंत्र का पाठ करें। इसके बाद मन में मां से कर्ज़ से छुटकारा पाने की प्रार्थना करें और सारी सामग्री को जल में प्रवाहित कर दें। पीली कौड़ी और हर सिंगार की जड़ का रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप से पूजन करके उसे धारण करें या अपने पास पर्स में रखें। इससे आपको निश्चित ऋण से मुक्ति मिलेगी।


