श्रीनगर : उतर कश्मीर के कुपवाडा जिला के हंदवाडा क्षेत्र में गुरुवार को सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों को एनकाउंटर में मौत के घाट उतार दिया जिनमें से एक पी.एच.डी. स्कॉलर से आतंकी बना मन्नान बशीर वानी भी था। मन्नान वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा था। बताया जाता है कि वानी आतंकी बनने से पहले पढ़ाई में बहुत तेज था। बचपन से पढ़ाई में तेज वानी ने मानसबल के सैनिक स्कूल से अपनी दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई पूरी की।
स्कूल-कॉलेजों में कई अवॉर्ड जीत चुके मन्नान वानी उस वक्त भी पढ़ाई में लगा रहा जब साल 2016 में हिजबुल आतंकी बुरहान वानी मारा गया। मन्नान वानी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एमफिल की पढ़ाई पूरी की और फिर वहीं से जियोलॉजी में पीएचडी कर रहा था। मन्नान वानी के पिता कॉलेज में लेक्चरर हैं। मन्नान वानी को ए.आई.एस.ई.सी.टी यूनिवर्सिटी भोपाल ने ‘पानी, वातावरण, उर्जा और समाज’ विषय पर हुई अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में बेस्ट पेपर प्रेजेंटेशन अवॉर्ड दिया गया था। इस साल जून में वानी ने एक अमेरिकी मानवाधिकार एक्टिविस्ट मेक्लम एक्स की एक बात लिखी थी कि ‘शांतिपूर्वक रहो’ कानून का पालन करो’ सबका सम्मान करो लेकिन अगर कोई तुमपर ऊंगली उठाए तो उसे कब्र में पहुंचा दो।
पुलिस ने दिया आत्मसमर्पण का मौका
वानी के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि हमने वानी के साथ वही किया जो बाकी आतंकियों के साथ किया जाता है। हमने उसे सरेंडर करने का पूरा मौका दिया लेकिन अफसोसजनक बात है कि उसने अपनी ही आईडियोलॉजी का पालन नहीं किया।

खेलों में भी आगे रहता था मोस्ट वांटेड आतंकी
स्कूल के दिनों में वानी कबड्डी खिलाड़ी था जिसने पूरे उत्तर भारत के कई शहरों में मैच खेले। इसके
अलावा वो एनसीसी का कैडर भी था और गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस की परेड़ में भी हिस्सा ले चुका था। बताया जाता है कि वानी की आतंकी बनने की शुरुआत साल 2017 में हुई जब वो दक्षिण कश्मीर के कुछ छात्रों से मिला। उसने 3 जनवरी को आतंकी बनने के लिए अलीगढ़ छोड़ा और आज एनकाउंटर में मारा गया।
मां-बाप की अपील की अनसुनी
मनान वानी पिछले वर्ष ही आतंकी बना था। उसके आतंकी बनने की खबर से उसका पूरा परिवार सदमें में था। मनान की मां ने उससे घर लौटने की अपील भी की पर मनान ने अपनी मां की अपील को दकिनार करते हुये आतंक की राह पकड़ ली।

